तटीय क्षेत्रों में शुक्रवार रात पहले रुक-रुककर और फिर भारी बारिश हुई जिससे उपनगरीय क्रोमपेट में सरकारी अस्पताल परिसर के कुछ हिस्से समेत कई इलाकों में जलभराव हो गया और कई स्थानों पर पेड़ उखड़ गए।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने राज्य आपातकालीन केंद्र में शीर्ष अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने बाद में संवाददाताओं से कहा कि सभी एहतियाती कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं और उन क्षेत्रों के लोगों के लिए शिविर स्थापित किए गए हैं जहां अधिक नुकसान होने की आशंका है तथा लोगों को भोजन भी वितरित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने एक पंपिंग स्टेशन का भी निरीक्षण किया।
ग्रेटर चेन्नई निगम के अधिकारियों ने बताया कि इंजीनियर, अधिकारियों और सफाई कर्मचारियों समेत 22,000 कर्मचारी काम पर हैं और 25-एचपी (हॉर्सपावर) और 100-एचपी समेत विभिन्न क्षमताओं के कुल 1,686 मोटर पंप इस्तेमाल में हैं। ट्रैक्टर पर लगे 484 पंप और 100-एचपी क्षमता वाले 137 पंप लगाए गए हैं।
जीसीसी ने कहा कि 134 स्थानों पर जलभराव से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर काम जारी है और तूफान के कारण गिरे नौ पेड़ों में से पांच को हटा दिया गया है। कुल 22 उपमार्गों में से 21 में यातायात सुचारू है। गणेशपुरम उपमार्ग को रेलवे पुल के काम से संबंधित कार्यों के लिए पहले ही बंद कर दिया गया था।
निचले इलाके मदीपक्कम के कई निवासियों ने अपने वाहनों को पास के वेलाचेरी फ्लाईओवर के दोनों ओर खड़ा कर दिया। ऐसे ही कई अन्य इलाकों के निवासियों ने भी अपने वाहन सुरक्षित स्थानों पर खड़े कर दिए। सड़कें मुख्य रूप से सुनसान रहीं और विभिन्न स्थानों पर नागरिक कार्यकर्ता, पुलिस और अग्निशमन एवं बचावकर्मियों को तैनात किया गया है।
राज्य द्वारा संचालित परिवहन निगमों ने चेन्नई और आस-पास के इलाकों में सीमित सेवाएं संचालित कीं। रेलवे अधिकारियों ने कहा कि चेन्नई मंडल के सभी उपनगरीय खंडों में ईएमयू ट्रेन सेवाएं अगली सूचना तक कम आवृत्ति के साथ संचालित होंगी। इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि ट्रेन (एक्सप्रेस/सुपरफास्ट सहित) सेवाएं प्रभावित नहीं हुई हैं लेकिन इनमें कुछ देरी हुई है।
चेन्नई मेट्रो रेल ने कहा कि उसकी सेवाएं सुचारू रूप से चालू हैं और इसने लोगों को उन खास स्टेशन पर पार्किंग क्षेत्रों के बारे में सूचित किया जहां पानी भरने की आशंका है। हवाई अड्डा प्राधिकारियों ने दोपहर 12.30 बजे से शाम सात बजे तक सभी परिचालन स्थगित करने की घोषणा की।
समुद्र में लहरें बहुत तेज हैं, इसलिए पुलिस ने मरीना और मामल्लपुरम सहित प्रसिद्ध समुद्र तटों तक पहुंच को अवरुद्ध करने के लिए अवरोधक लगाए हैं। सरकारी दुग्ध आपूर्ति आविन प्रभावित नहीं हुई और अधिकतर क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति सामान्य है।
सरकार ने पहले ही 30 नवंबर को शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित कर दिया था और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों से अनुरोध किया था कि वे अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दें।
Edited by : Nrapendra Gupta