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चक्रवाती तूफान ‘मिधिली’ की आहट, बांग्लादेश के तट से टकराएगा

हमें फॉलो करें चक्रवाती तूफान ‘मिधिली’ की आहट, बांग्लादेश के तट से टकराएगा
, शुक्रवार, 17 नवंबर 2023 (11:13 IST)
Cyclone in bay of bengal : बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र शुक्रवार को एक चक्रवाती तूफान (cyclone midhili) में बदल गया और 80 किमी प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार के साथ इसके बांग्लादेश के तट पर पहुंचने से पहले सुंदरवन से गुजरने के आसार हैं।
 
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एक बुलेटिन जारी कर कहा कि चक्रवाती तूफान ‘मिधिली’ 17 नवंबर की रात या 18 नवंबर की सुबह बांग्लादेश तट को पार कर सकता है।
 
राष्ट्रीय मौसम एजेंसी के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना क्षेत्र शुक्रवार सुबह पांच बजकर 30 मिनट पर पारादीप (Odisha) से लगभग 190 किमी पूर्व, दीघा (पश्चिम बंगाल) से 200 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व और खेपुपाड़ा (बांग्लादेश) से 220 किमी दक्षिण पश्चिम में केंद्रित था।
 
आईएमडी ने कहा, 'इसके उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ने की संभावना है और यह 17 नवंबर की रात या 18 नवंबर की सुबह 60 से 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ खेपुपाड़ा के करीब बांग्लादेश तट को पार कर सकता है।'
 
इस तूफान को ‘मिधिली’ नाम मालदीव द्वारा दिया गया है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के चक्रवातों से प्रभावित देश बारी-बारी से एक क्रम में चक्रवातों के नाम देते हैं।
 
आईएमडी का कहना है कि चक्रवात मिधिली का ओडिशा पर कोई बड़ा प्रभाव पड़ने के आसार न के बराबर हैं, क्योंकि यह राज्य के तट से 150 किलोमीटर ऊपर से गुजरेगा। हालांकि, आईएमडी वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने कहा कि केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर जैसे कुछ जिलों में शुक्रवार को भारी बारिश होने की संभावना है।
 
इस बीच, ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त (SRC) ने चक्रवात के मद्देनजर सभी जिला अधिकारियों को सतर्कता बरतने के लिए कहा है। एसआरसी सत्यव्रत साहू ने कहा, हम किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहते और इसलिए व्यवस्था को अलर्ट पर रखा गया है।
 
हालांकि, आईएमडी के पूर्वानुमान में कहा गया कि पश्चिम बंगाल के उत्तर और दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, पूर्वी मेदिनीपुर और कोलकाता जैसे तटीय जिलों में शुक्रवार को 24 घंटे की अवधि में 20 से 110 मिलीमीटर बारिश होने की संभावना है।
 
इस मौसम के दौरान दूसरी बार गहरे दबाव का क्षेत्र बना है। पिछला चक्रवात हामून भी बांग्लादेश तट की ओर बढ़ गया था। 

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