Silkyara Tunnel Accident of Uttarakhand : उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल हादसे में फंसे मजदूरों को 5 दिन हो गए हैं। लगातार टनल में कैद 40 जिंदगियों को बचाने की कवायद चल रही है, लेकिन अभी तक सफलता हासिल नहीं हो पाई है। टनल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे श्रमिकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थिति से निपटने के लिए केंद्र और उत्तराखंड सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में देश-विदेश तक की तकनीकी सिस्टम का सहारा लिया जा रहा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। सीएम ने हादसे की जगह जाकर पहले खुद निरीक्षण किया, उसके बाद प्रशासन टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर लाने के लिए मुख्य सचिव डॉ. एसएस संघु को बचाव कार्यों में जुटी केंद्रीय एजेंसियों को प्रदेश सरकार की तरफ से पूरा सहयोग देने के निर्देश हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि बेहतर समन्वय के साथ ही इस विषम परिस्थिति पर जीत हासिल की जा सकती है।
वहीं केंद्र सरकार भी टनल में फंसे मजदूरों को लेकर बेहद चिंतित और गंभीर है। जिसके चलते आज केंद्रीय नागर विमानन, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल (रिटा.) वीके सिंह एवं पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड, अशोक कुमार ने सिलक्यारा टनल का भौतिक निरीक्षण करते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया।
यहां पर उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन के एक्सपर्ट व अधिकारियों से बातचीत करते हुए कार्य की प्रगति चेक की। उन्होंने कहा कि सरकार हरसंभव मदद के लिए तैयार है, रेस्क्यू ऑपरेशन तीव्रता के साथ आगे बढ़ाया जाए, लेकिन ध्यान रहे इस दौरान मजदूरों को किसी प्रकार की हानि न पहुंचे, वह सुरक्षित बाहर निकल आएं।
सिलक्यारा पहुंचे केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन के प्रथम चरण में कुछ दिक्कतें आईं, ड्रिलिंग मशीन खराब हो गई, भूस्खलन ज्यादा हो गया, जिसके चलते हमने सुरक्षा के मद्देनजर काम वहीं रोक दिया था। अब विदेशी टेक्नोलॉजी से निर्मित एक हैवी मशीन का उपयोग किया जा रहा है, उम्मीद है कि जल्द ही टनल में फंसे 40 श्रमिक रेस्क्यू कर लिए जाएंगे।
वहीं जनरल वीके सिंह ने टनल में फंसे मजदूरों के परिजनों से बातचीत करके आश्वस्त किया कि उनके परिजन सुरक्षित हैं, वह लोग परेशान न हों, अपना धीरज और धैर्य बनाए रखें। सरकार टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। टनल में फंसे 40 श्रमिकों के परिजनों का धीरज अब जवाब देने लगा है।
95 घंटे बीत जाने के बाद भी मजदूर टनल से बाहर नहीं आ पाए हैं, जिसके चलते मजदूरों के साथियों ने जमकर हंगामा काटा हुआ है। मजदूरों का कहना है कि घटनास्थल पर कोई ऐसा जिम्मेदार व्यक्ति नहीं है, जो सही जानकारी दे कि उनके साथी किस हाल में हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि मजदूरों को जल्दी बाहर निकालें।\
आक्रोशित मजदूरों ने अधिकारियों का घेराव करते हुए आपबीती सुनाई। उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग के निर्माण में लापरवाही हुई है, सुरंग के जिस संवेदनशील हिस्से में भूस्खलन हुआ, वहां उपचार के लिए गार्टर रिब की जगह सरियों का रिब बनाकर लगाया गया है, जो जानलेवा साबित हो सकता है।