नई दिल्ली। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) ने चक्रवात निवार के मद्देनजर राहत और बचाव कार्य शुरू करने के लिए 30 दलों को तैयार किया है। यह तूफान मंगलवार से गुरुवार के बीच आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटीय क्षेत्रों में दस्तक दे सकता है।
एनडीआरएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 12 दलों की पूर्व तैनाती कर दी गई है, वहीं 18 अन्य इन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में तैनाती के लिए तैयार हैं।
इन दलों को प्रभावित क्षेत्रों से स्थानीय लोगों को निकालने में सहायता पहुंचाने समेत राहत और बचाव कार्यों के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय करते हुए तैनात किया जाएगा।
एनडीआरएफ के एक दल में कार्यों को देखते हुए करीब 35 से 45 जवान होते हैं और उनके पास पेड़ तथा खंभों को काटने की मशीनें, सामान्य दवाएं और प्रभावितों की मदद के लिए अन्य संसाधन होते हैं।
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति ने सोमवार को यहां बैठक की और तूफान के मद्देनजर अनेक उपायों पर विचार करने के साथ ही संबंधित राज्य सरकारों समेत अनेक पक्षों को प्रभावित क्षेत्रों में किसी की जान नहीं जाने देने और सामान्य स्थिति जल्द बहाल करने का निर्देश दिया।
आंध्र प्रदेश के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में गहरे दबाव का क्षेत्र तूफान में बदल सकता है और 25 नवंबर को उत्तर तमिलनाडु तथा दक्षिण आंध्र के बीच तटीय क्षेत्र को पार कर सकता है।
राज्य आपदा प्रबंधन आयुक्त के. कन्ना बाबू ने कहा कि समुद्र में लहरें तेज होंगी और मछुआरों को तीन दिन तक पानी में नहीं जाना चाहिए। पुडुचेरी प्रशासन ने भी तूफान का सामना करने के लिए बहुस्तरीय योजना तैयार की है।
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने सोमवार को अनेक विभागों के अधिकारियों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार पुडुचेरी और कराईकल में मंगलवार से बारिश हो सकती है।
भारत मौसम विभाग ने कहा है कि यहां से करीब 100 किलोमीटर दूर तमिलनाडु के मामल्लापुर और कराईकल के बीच बुधवार को तूफान टकराने की आशंका है।