आरएसएस में करीब 12 साल बाद बड़ा परिवर्तन हुआ है। आरएसएस के संघ सरकार्यवाह (महासचिव) के पद पर दत्तात्रेय होसबोले को चुना गया है। वह पिछले 12 साल से लगातार इस पद पर काम कर रहे सुरेश भैयाजी जोशी की जगह लेंगे।
आइए जानते हैं कौन हैं दत्तात्रेय होसबोले और क्या रहा है उनका अब तक का सफर।
1 दिसंबर, 1955 में जन्में होसबोले अभी 66 साल के हैं। दत्तात्रेय कर्नाटक के शिमोगा जिले से हैं। वे 1968 में 13 साल की उम्र में संघ के स्वयंसेवक बने और 1972 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े। कहा जाता है कि वे 1975-77 के जेपी आन्दोलन में भी सक्रिय थे और करीब दो साल तक मीसा के तहत जेल में रहे।
होसबोले ने बैंगलोर यूनिवर्सिटी से अंग्रेसी से स्नातकोत्तर किया। दत्तात्रेय होसबले एबीवीपी कर्नाटक के प्रदेश संगठन मंत्री रहे। इसके बाद एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री और सह संगठन मंत्री रहे। करीब 2 दशकों तक एबीवीपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रहे। इसके बाद करीब 2002-03 में संघ के अखिल भारतीय सह बौद्धिक प्रमुख बनाए गए। साल 2009 से सह सर कार्यवाह थे। दत्तात्रेय होसबोले कई भाषाओं के जानकार हैं।
दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में हर 3 साल में चुनाव आयोजित कर जिला संघचालक, विभाग संघचालक, प्रांत संघचालक, क्षेत्र संघचालक के साथ साथ सरकार्यवाह का चुनाव होता है। यही चुने हुए लोग अपनी टीम की घोषणा करते हैं, जो अगले तीन साल तक काम करते हैं।
हालांकि इस दौरान कुछ पदों पर बदलाव होता रहता है। क्षेत्र प्रचारक और प्रांत प्रचारकों के दायित्व में बदलाव भी प्रतिनिधि सभा की बैठक में होती है। संघ में प्रतिनिधि सभा निर्णय लेने वाला विभाग है।
कैसे होता है चुनाव?
आरएसएस में सरसंघचालक के बाद सरकार्यवाह का पद सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। विश्व के सबसे बड़े संगठन के दूसरे प्रमुख पद के लिए जब चुनाव होता है, तो यह बहुत ही साधारण होता है। इस चुनाव की प्रक्रिया में पूरी केंद्रीय कार्यकारिणी, क्षेत्र व प्रांत के संघचालक, कार्यवाह व प्रचारक और संघ की प्रतिज्ञा किए हुए सक्रिय स्वयंसेवकों की ओर से चुने गए प्रतिनिधि शामिल होते हैं।