Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का निधन

हमें फॉलो करें पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का निधन
, गुरुवार, 18 अक्टूबर 2018 (16:28 IST)
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे वयोवृद्ध राजनीतिज्ञ नारायण दत्त तिवारी का गुरुवार को यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 93 वर्ष के थे। तिवारी लम्बे समय से बीमार चल रहे थे और वे यहां एक निजी अस्पताल में भर्ती थे।


18 अक्टूबर 1925 को उत्तराखंड में नैनीताल जिले के बलोती गांव में जन्मे तिवारी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और आंध्रप्रदेश के राज्यपाल भी रहे। उन्होंने केंद्रीय मंत्री के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं। उनके परिवार में पत्नी उज्ज्वला तिवारी और एक पुत्र रोहित शेखर हैं।

पिछले कई महीनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने तिवारी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वरिष्ठ राजनेता नारायण दत्त तिवारी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। उन्‍होंने अपने जन्‍मदिन के दिन ही अंतिम विदाई ली।

दो राज्यों के मुख्यमंत्री रहने वाले एकमात्र राजनेता : देश में दो राज्यों के मुख्यमंत्री होने का गौरव प्राप्त करने वाले नारायण दत्त तिवारी ने न सिर्फ आजादी की लड़ाई बल्कि भारतीय राजनीति में भी अपनी विशिष्ट योगदान दिया और पहाड़ के एक साधाराण गांव से चलकर राष्ट्रीय राजनीति में शिखर तक पहुंचे।
 
उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे तिवारी ने आंध्रप्रदेश के राज्यपाल, योजना आयोग के उपाध्यक्ष तथा केंद्रीय मंत्री के रूप में अपना विशेष योगदान दिया था।
 
भारत छोड़ो आंदोलन में जेल जाने वाले तिवारी ने छात्र नेता के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया और कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी तथा कांग्रेस पार्टी में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। बाद उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर तिवारी कांग्रेस के नाम से अलग पार्टी बनाई और उसके अध्यक्ष रहे। 
 
कांग्रेस संगठन में कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी का निर्वाह करने वाले तिवारी जीवन के आखरी समय में भाजपा में शामिल हो गए थे। वह तीन बार उत्तरप्रदेश तथा एक बार नवगठित उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी रहे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

दूर हुई अमेरिका की चिंता, विदेशी विनिमय निगरानी सूची से हटेगा भारत का नाम