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पाकिस्तान की ओर से 2020 में किए गए संघर्ष विराम उल्लंघनों में 46 भारतीय जवान शहीद : राजनाथ सिंह

हमें फॉलो करें पाकिस्तान की ओर से 2020 में किए गए संघर्ष विराम उल्लंघनों में 46 भारतीय जवान शहीद : राजनाथ सिंह
, सोमवार, 8 फ़रवरी 2021 (19:34 IST)
नई दिल्ली। सरकार ने सोमवार को बताया कि पिछले साल पाकिस्तानी फौजों ने जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 5133 बार संघर्ष विराम उल्लंघन किया, जिसमें 46 भारतीय सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई। राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने यह भी बताया कि सीमा पार से हुई संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं का भारतीय सुरक्षाबलों ने समुचित जवाब दिया है।

उन्होंने बताया संघर्ष विराम उल्लंघन की सभी घटनाओं को पाकिस्तानी प्राधिकारियों के समक्ष, हॉटलाइन, फ्लैग मीटिंग के स्थापित तंत्र से लेकर दोनों देशों के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच होने वाली साप्ताहिक वार्ताओं के माध्यम से समुचित स्तर पर उठाया गया है।

सिंह ने बताया, राजनयिक स्तर पर भारत ने उच्चतम स्तर पर लगातार इस बात पर जोर दिया है कि पाकिस्तान को नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा की पवित्रता बनाए रखना चाहिए। रक्षामंत्री ने कहा कि इस साल 28 जनवरी तक संघर्ष विराम उल्लंघन की 299 घटनाएं हुई हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान की ओर से 2019 में 3233 बार संघर्ष विराम उल्लंघन किया गया।

सिंह ने बताया कि क्षेत्र में कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के बावजूद पाकिस्तान ने बिना उकसावे के संघर्ष विराम उल्लंघन किया और आतंकवादियों को कश्मीर में प्रविष्ट कराने के लगातार प्रयास किए। अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं बढ़ी हैं।

पाकिस्तान को रास नहीं आ रहा जम्मू कश्मीर का विकास, बढ़ाए घुसपैठ के प्रयास : जम्मू कश्मीर के लोग आज अनुच्छेद 370 को लागू करने की नहीं, बल्कि विकास और रोजगार की मांग कर रहे हैं तथा यह बात पाकिस्तान को पसंद नहीं आ रही है जिसके कारण पड़ोसी देश ने घुसपैठ और संघर्ष विराम समझौते के उल्लंघन के प्रयास बढ़ा दिए हैं।

गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि 2019 की तुलना में 2020 में जम्मू कश्मीर में घुसपैठ के प्रयास, पथराव तथा आतंकवाद की घटनाओं में कमी आई जबकि राज्य में मारे गए आतंकवादियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

उन्होंने कहा, जम्मू कश्मीर की जनता आज (अनुच्छेद) 370 की मांग नहीं कर रही। जम्मू कश्मीर की जनता विकास की मांग कर रही है। वहां की जनता मांग कर रही है कि नौजवानों को रोजगार मिले। रेड्डी ने कहा कि जम्मू कश्मीर को विकास की राह पर चलने से रोकने के लिए पाकिस्तान ने घुसपैठ और संघर्ष विराम उल्लंघन के प्रयास बढ़ा दिए है।

उन्होंने कहा कि 2019 में पाकिस्तान द्वारा 216 बार घुसपैठ के प्रयास किए गए जो 2020 में घटकर 99 रह गए। इसी प्रकार 2019 में आतंकवाद की घटनाओं में 127 लोग घायल हुए जिनकी संख्या 2020 में 71 थी। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में 2019 में 157 आतंकवादी मारे गए थे जिनकी संख्या 2020 में 221 थी। इसी प्रकार राज्य में 2019 में आतंकवाद की 594 घटनाएं और पथराव की 2009 घटनाएं हुई जिनकी संख्या 2020 में घटकर क्रमश: 224 और 327 रह गई।

गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने जम्मू कश्मीर में हुए विकास का ब्यौरा देते हुए कहा कि हाल में हुए ब्लाक विकास परिषद के चुनावों में केंद्र शासित प्रदेश के 98 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।उन्होंने कहा कि पंचायतों के जरिए मनरेगा कार्यों के लिए 1000 करोड़ रूपए दिए गए। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के 100 प्रतिशत घरों में बिजली पहुंच गई है जिनमें सीमांत क्षेत्र के गांव भी शामिल हैं।(भाषा)

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