Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

एलएसी पर स्थिति 'तनावपूर्ण', सेना को सतर्क रहने की जरूरत : राजनाथ सिंह

हमें फॉलो करें Rajnath Singh
, गुरुवार, 20 अप्रैल 2023 (00:01 IST)
  • वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति तनावपूर्ण
  • रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, एलएसी पर सतर्कता बरतनी होगी
  • दिल्ली में शुरू हुआ सेना के कमांडरों का 5 दिवसीय सम्मेलन
नई दिल्ली। India-China Border : रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को थल सेना से कहा कि वह चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कड़ी निगरानी रखे, क्योंकि चीनी सैनिकों की तैनाती को देखते हुए उत्तरी क्षेत्र में स्थिति 'तनावपूर्ण' बनी हुई है। उन्‍होंने कहा, हमारे सशस्त्र बलों, खासकर भारतीय थल सेना को एलएसी की सुरक्षा के लिए लगातार सतर्कता बरतनी होगी।

सूत्रों ने बताया कि सेना कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने बिना किसी विशेष संदर्भ का जिक्र करते हुए, सशस्त्र बलों का आह्वान किया कि वे विश्वभर में हो रहे भू-राजनीतिक परिवर्तनों पर गौर करें और अपनी योजना और रणनीतियों को उस अनुसार ढालने का प्रयास करें।

सूत्रों के अनुसार, उन्‍होंने कहा, उत्तरी क्षेत्र में पीएलए (चीनी) सैनिकों की तैनाती के कारण स्थिति तनावपूर्ण है। हमारे सशस्त्र बलों, खासकर भारतीय थल सेना को एलएसी की सुरक्षा के लिए लगातार सतर्कता बरतनी होगी।

रक्षामंत्री की यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में तीन साल से चल रहे सीमा विवाद की पृष्ठभूमि में है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूं कि सरकार का भरसक प्रयास है कि सीमा पर तैनात हर जवान को अत्याधुनिक हथियार और सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।

सेना के कमांडरों का पांच दिवसीय सम्मेलन सोमवार को दिल्ली में शुरू हुआ। इसमें चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर देश की राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों और बल की युद्धक क्षमता में वृद्धि के तौर-तरीकों पर विचार किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर का जिक्र करते हुए रक्षामंत्री सिंह ने कहा कि वहां शांति और स्थिरता है एवं केंद्रशासित प्रदेश में आतंकवादी गतिविधियों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट आई है।

उन्होंने कहा, पूर्वोत्तर राज्यों में भी भारतीय थलसेना द्वारा चलाए गए अभियानों के बाद आंतरिक सुरक्षा स्थिति में काफी सुधार हुआ है। सिंह ने कहा, इसके बाद भी हमें शांति के लिए सरकार के प्रयासों को चुनौती देने वाले राष्ट्र-विरोधी संगठनों को लेकर सतर्क रहना होगा।

सिंह ने कहा कि विभिन्न अनिश्चितताओं के कारण भविष्य के युद्ध काफी अप्रत्याशित होंगे। उन्होंने कहा, आज के बदलते समय में, खतरों और हथियारों का दायरा काफी व्यापक हो गया है। इसे ध्यान में रखते हुए अपनी रक्षा तैयारियों का आकलन करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि सरकार सशस्त्र बलों के लिए उसी तत्परता से काम कर रही है जिस प्रकार सशस्त्र बल देश की सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं। सिंह ने कहा, सरकार न सिर्फ सशस्त्र बलों, बल्कि पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए भी पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। सेना कमांडरों का सम्मेलन शीर्ष स्तरीय द्विवार्षिक कार्यक्रम है, जिसका आयोजन हर साल अप्रैल और अक्टूबर में किया जाता है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कई राज्यों में लू का कहर, त्रिपुरा में विशेष आपदा घोषित