Delhi air pollution : दिल्ली और इसके आसपास के शहरों में बुधवार को धुंध छायी रही और रात के दौरान तापमान में गिरावट और हवा नहीं चलने के कारण राजधानी की वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई।
पुणे स्थित भारतीय ऊष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान द्वारा विकसित एक संख्यात्मक मॉडल-आधारित प्रणाली के अनुसार, वर्तमान में दिल्ली की खराब वायु गुणवत्ता में वाहन उत्सर्जन (11 प्रतिशत से 15 प्रतिशत) और पराली जलाने (7 प्रतिशत से 15 प्रतिशत) का सबसे ज्यादा योगदान है।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के लिए 1 नवंबर से 15 नवंबर काफी संवेदनशील होते हैं। अभी तापमान में भी कमी देखी जा रही है, हवा की गति भी कम है। ऐसे में जितने भी धूल कण हैं वे काफी नीचे हैं। कुछ जगहों पर गाड़ियों द्वारा प्रदूषण ज्यादा हो रहा है। उसको लेकर पूरी दिल्ली के संबंधित विभागों की समीक्षा बैठक रखी गई है।
क्या कहता है AQI : राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सुबह 10 बजे 372 दर्ज किया गया, जो इस मौसम में अब तक का सबसे अधिक है। 24 घंटे की अवधि का मंगलवार को औसत एक्यूआई 359, सोमवार को 347, रविवार को 325, शनिवार को 304 और शुक्रवार को 261 दर्ज किया गया था।
शहर के भीतरी इलाके जैसे नेहरू नगर (402), सोनिया विहार (412), रोहिणी (403), वजीरपुर (422), बवाना (403), मुंडका (407), आनंद विहार (422), और न्यू मोती बाग (435) में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है।
इन स्थानों पर पीएम2.5 (सूक्ष्म कण जो सांस लेने पर श्वसन प्रणाली में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं) की सांद्रता 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से छह से सात गुना अधिक रही।
पड़ोसी गाजियाबाद में एक्यूआई 280, फरीदाबाद में 318, गुरुग्राम में 254, नोएडा में 333 और ग्रेटर नोएडा में 372 था।
केवल इन बसों को ही अनुमति : वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, एक नवंबर से दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आने वाले हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के शहरों और कस्बों के बीच केवल इलेक्ट्रिक, सीएनजी और बीएस6-श्रेणी की अनुपालना वाली डीजल बसों को ही संचालित करने की अनुमति दी जाएगी।
प्रदूषण के स्तर को कम करने की कोशिश के तहत केंद्र ने अप्रैल 2020 में घोषणा की थी कि भारत में बेचे जाने वाले सभी वाहनों को भारत स्टेज-6 (BS6) उत्सर्जन मानकों के अनुरूप होना चाहिए।
दिल्ली के लिए केंद्र की वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के अनुसार, दिल्ली की वायु गुणवत्ता कुछ और दिन तक बेहद खराब श्रेणी में रहने के आसार हैं।