नई दिल्ली। दिल्ली में इसराइली दूतावास के बाहर शुक्रवार को हुए धमाके के बाद अब तक हुई जांच में सुरक्षा एजेंसियों को कई अहम सुराग मिले हैं। यहां से बॉल बेयरिंग और तारें बरामद हुई हैं। फॉरेंसिक टीम को अमोनियम नाइट्रेट के इस्तेमाल के निशान भी मिले हैं। एक पिंक कलर का दुपट्टा भी मिला है, जो कि आधा जला हुआ है।
धमाके के सिलसिले में जांचकर्ता मोबाइल कॉल के हटाए जा चुके डाटा (डंप डाटा), इंटरनेट कॉल, निकटवर्ती होटलों के सीसीटीवी फुटेज और कैब सेवा का इस्तेमाल करने वालों की व्यापक जांच कर रहे हैं।
इस बीच भारत में इजराइल के राजदूत रॉन मलका ने कहा कि उनके पास यह मानने के लिए पर्याप्त कारण हैं कि यह एक आतंकवादी हमला था लेकिन वे इस हमले को लेकर हैरान नहीं हैं क्योंकि खुफिया जानकारी के बाद पिछले कुछ सप्ताह से सतर्कता काफी बढ़ाई जा चुकी थी।
सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने कुछ व्यक्तियों से पूछताछ की, जिनमें कुछ ईरानी नागरिक और एक कैब चालक शामिल थे, जिन्होंने विस्फोट से ठीक पहले विस्फोट स्थल के पास दो व्यक्तियों को छोड़ा था।
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि हमें कुछ सीसीटीवी फुटेज बरामद हुई है लेकिन अब तक कुछ ठोस नहीं मिला है क्योंकि दूतावास के पास स्थित इलाके में अधिकतर सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे। हाल ही में दिल्ली आए विदेशियों के विवरण की जांच की जा रही है।
एनएसजी के राष्ट्रीय बम डाटा केन्द्र (एनबीडीसी) और दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने शनिवार को विस्फोट के बाद विश्लेषण के लिए घटनास्थल का दौरा किया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच करने वाली पुलिस टीम के साथ एनबीडीसी के निष्कर्षों को साझा किया जाएगा।
सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि विस्फोट स्थल पर जांचकर्ताओं को इजराइली दूतावास का पता लिखा एक लिफाफा मिला है। इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है और दिल्ली पुलिस का विशेष प्रकोष्ठ इसकी जांच कर रहा है। जांच एजेंसियां इस क्षेत्र के आईपीडीआर की भी जांच कर रही हैं कि क्या संदिग्ध व्यक्तियों ने कॉल के बजाय संचार के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया है। वे आसपास के होटलों के सीसीटीवी फुटेज भी देख रहे हैं।
पश्चिम एशिया में विध्वंस की साजिश : राजदूत मलका ने एक साक्षात्कार में कहा, सभी पहलुओं को ध्यान में रख कर जांच की जा रही है, जिसमें हमारे राजनयिकों पर यहां 2012 में हुए हमले से तथा दुनियाभर में हो रहे घटनाक्रम से कोई संबंध होने की संभावना भी शामिल हैं।
जब उनसे पूछा गया कि क्या हमले का उद्देश्य विभिन्न अरब देशों के साथ इजराइल के शांति प्रयासों को पटरी से उतारना था, उन्होंने कहा, ये हमले क्षेत्र (पश्चिम एशिया) में विध्वंस करने की साजिश है, जो हमें भयभीत नहीं कर सकते या रोक नहीं सकते , हमारे शांति प्रयास जारी रहेंगे।
गमले में रखा था आईईडी : शुरुआती जांच में खुलासा हुआ कि आईईडी को इजराइली दूतावास के बाहर एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर जिंदल हाउस के निकट एक गमले में रखा गया था।
एक अन्य सूत्र ने कहा कि फोरेंसिक विशेषज्ञों ने मौका-ए-वारदात से कुछ नमूने भी एकत्र किए हैं और इससे कम तीव्रता वाले इस विस्फोट में इस्तेमाल रसायनों के बारे में जानकारी हासिल की जा सकेगी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विस्फोटक बनाने में इस्तेमाल होने वाले बाल बेयरिंग के हिस्से जमीन पर बिखरे पड़े मिले और विस्फोट का असर स्थल के 20 से 25 मीटर के दायरे में महसूस किया गया।
दिल्ली में उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में स्थित इजराइली दूतावास के निकट शुक्रवार की शाम कम तीव्रता का आईईडी विस्फोट हुआ था। इस विस्फोट में कोई हताहत नहीं हुआ था।
यह विस्फोट उस समय हुआ था, जब वहां से कुछ किलोमीटर दूर गणतंत्र दिवस समारोहों के समापन के तौर पर होने वाला 'बीटिंग रीट्रिट' कार्यक्रम चल रहा था, जिसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मौजूद थे।
यह विस्फोट जिस दिन हुआ, उस दिन भारत और इजराइल के कूटनीतिक संबंधों की स्थापना की 29वीं वर्षगांठ थी। (भाषा)