Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

जमानत रद्द करना न्याय के साथ खिलवाड़ है, दिल्ली हाईकोर्ट में बोले केजरीवाल

हमें फॉलो करें arvind kejriwal

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , बुधवार, 10 जुलाई 2024 (22:03 IST)
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष दलील दी है कि वे प्रवर्तन निदेशालय (ED) की “प्रताड़ना” का शिकार हैं और आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में निचली अदालत द्वारा उन्हें दी गई जमानत को रद्द करना “न्याय की गंभीर विफलता” के समान होगा।
 
मामले में उनकी जमानत को चुनौती देने वाली प्रवर्तन निदेशालय की याचिका का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जमानत के विवेकाधीन आदेशों को केवल अभियोजन पक्ष की “धारणाओं और कपोल कल्पना” के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता।
 
ईडी की याचिका पर दाखिल अपने जवाब में केजरीवाल ने कहा कि विशेष न्यायाधीश द्वारा जमानत देने का आदेश न केवल तर्कसंगत था, बल्कि प्रथम दृष्टया यह भी दर्शाता है कि ‘दोनों पक्षों के प्रासंगिक तर्कों और मंशाओं’ पर विचार करने, उन्हें ईमानदारी से दर्ज करने और उनसे निपटने में उचित विवेक का प्रयोग किया गया था।”
उन्होंने कहा, “इसलिए, आदेश को रद्द करना न्याय की गंभीर विफलता के समान होगा।” आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक ने उच्च न्यायालय से ईडी की याचिका खारिज करने और 25 जून के अंतरिम आदेश को रद्द करने का आग्रह किया, जिसके तहत निचली अदालत के 20 जून के फैसले पर रोक लगा दी गई थी, जिसमें उन्हें जमानत मिली थी।
 
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा को बुधवार को याचिका पर सुनवाई करनी थी। उन्हें ईडी के वकील ने सूचित किया कि जांच एजेंसी को उसकी अर्जी पर केजरीवाल के जवाब की प्रति मंगलवार देर रात 11 बजे मिली और ईडी को प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए कुछ समय की जरूरत है।
 
जांच एजेंसी के वकील ने कहा कि जवाब की प्रति उन्हें मंगलवार रात 11 बजे दी गई जबकि केजरीवाल के वकील ने कहा कि मामले के जांच अधिकारी को प्रति दोपहर 1 बजे दी गई।
 
केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने अदालत के सामने मामले का जिक्र करते हुए कहा कि सुनवाई के लिए निश्चित समय निर्धारित किया जाना चाहिए, क्योंकि मामले में अत्यधिक तात्कालिकता है।
 
ईडी की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने हालांकि दलील दी कि जांच एजेंसी को मंगलवार देर रात को ही केजरीवाल के जवाब की प्रति मिली है और उन्हें जवाब पढ़ने तथा प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए कुछ समय की जरूरत है।
राजू ने कहा कि दस्तावेज मामले में पैरवी कर रहे वकील को सौंपे जाने चाहिए, न कि जांच अधिकारी को। हाईकोर्ट ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि ईडी को जवाब की प्रति मंगलवार को मिली और उसे इस पर प्रत्युत्तर दाखिल करना है। अदालत ने ईडी को प्रत्युत्तर दाखिल करने के वास्ते समय देते हुए अगली सुनवाई के लिए 15 जुलाई की तारीख तय की।
 
केजरीवाल ने अपने जवाब में कहा कि गिरफ्तारी एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को “परेशान और अपमानित करने के लिए अवैध रूप से की गई थी” और ईडी के पास ऐसी कोई सामग्री नहीं है जिसके आधार पर उन्हें और अधिक समय तक कारावास में रखने को उचित ठहराया जा सके।
 
उन्होंने जवाब में दावा किया, “ईडी ने प्रतिवादी (केजरीवाल) को झूठी और मनगढ़ंत कहानी में फंसाया है, प्रतिवादी के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है और इस मामले में गिरफ्तारी पूरी तरह से अवैध है।” भाषा

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

लद्दाख में LAC के पास ITBP ने पकड़ा चीन से लाया गया 108 KG सोना, 2 हिरासत में