दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों ने साफ कर दिया है कि एक बार फिर दिल्ली की जनता ने केजरीवाल के चेहरे पर मोहर लगाते हुए आम आदमी पार्टी को प्रचंड बहुमत दिया है। वहीं दिल्ली में अबकी बार 45 पार का नारा देने वाली भाजपा की चुनावों में बुरी तरह हार हुई है। विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की हैट्रिक लगाने और भाजपा की बड़ी हार के एक नहीं कई कारण है।
1- केजरीवाल के खिलाफ चेहरा नहीं होना – दिल्ली में आम आदमी पार्टी की बड़ी जीत और भाजपा की बड़ी हार के बीच सबसे बड़ा कारण मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का चेहरा रहा। भाजपा अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एक अदद मजबूत चेहरे को नहीं पेश कर सकी। आम आदमी पार्टी ने अपना पूरा चुनावी कैंपेन अरविंद केजरीवाल के चेहरे पर ही केंद्रित रखा। चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में खुद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भाजपा को मुख्यमंत्री चेहरे के नाम का एलान करने और बहस करने की चुनौती दे डाली।
2- भाजपा की रणनीतिक चूक – दिल्ली में भाजपा की इस बड़ी हार के पीछे राजनीतिक विश्लेषक उसकी रणनीतिक चूक को जिम्मेदार ठहराते है। भाजपा ने अपना पूरा चुनावी कैंपेन शाहीन बाग और नागरिकता कानून पर केंद्रित कर वोटरों के ध्रुवीकरण की कोशिश की लेकिन चुनाव नतीजे बताते है कि भाजपा की यह रणनीति बुरी तरह विफल साबित हुई। भाजपा के रणनीतिकार चुनाव में दिल्ली की जनता का मूड भांपने में बुरी तरह विफल साबित हुए।
3- केजरीवाल के काम की तोड़ नहीं- दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार की हैट्रिक लगाने और भाजपा की हार का सबसे बड़ा कारण केजरीवाल सरकार के पांच साल के कामकाज रहे। चुनाव में आम आदमी पार्टी ने अपना पूरा चुनावी कैंपेन केजरीवाल सरकार के पिछले पांच साल के कामकाज को मुद्दा बनाया। पूरे चुनाव प्रचार में भाजपा आप के इस चुनावी कैंपेन की तोड़ नहीं ढूंढ सकी।
4-स्थानीय भाजपा नेताओं में खींचतान – दिल्ली में भाजपा की इस बड़ी हार का बड़ा कारण दिल्ली के स्थानीय भाजपा नेताओं में पिछले पांच साल चली खींचतान बड़ी वजह रही। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी अकेले लड़ते नजर आए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर दिल्ली के स्थानीय भाजपा नेताओं में खींचतान साफ नजर आई। चुनाव प्रचार में अलग अलग गुटों से कई मुख्यमंत्री चेहरों के दावेदार सामने आते रहे।
5 –मोदी के चेहरे पर ही भरोसा – दिल्ली में भाजपा की हार का बड़ा कारण मोदी के चेहरे पर अत्यधिक निर्भरता होना है। राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि राज्यों में भाजपा की लगातार हार का बड़ा कारण स्थानीय नेताओं और संगठन का मोदी के चेहरे पर अत्यधिक भरोसा करना। दिल्ली चुनाव में भाजपा अपने पूरी चुनावी कैंपेन में आम आदमी पार्टी के कामों की काट के लिए मोदी सरकार को गिनाती रही लेकिन चुनावी नतीजे बताते है कि दिल्ली की जनता ने इसको बुरी तरह नाकार दिया।