नई दिल्ली। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा कि नगर सरकार ने 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान की फाइल एक बार फिर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना सक्सेना को उनकी मंजूरी के लिए भेजी है। राय ने कहा कि अगर केंद्र ने पराली नहीं जलाने पर किसानों को नकद प्रोत्साहन राशि देने की राज्य सरकार की योजना का समर्थन किया होता तो पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में खासी कमी आती।
उन्होंने कहा कि फाइल में इस बात के सबूत दिए गए हैं कि देश के कई शहरों के अलावा अमेरिका और ब्रिटेन में भी ऐसे अभियानों से वाहन प्रदूषण पर काबू पाने में मदद मिली है। राय ने कहा कि अगर केंद्र ने पराली नहीं जलाने पर किसानों को नकद प्रोत्साहन राशि देने की राज्य सरकार की योजना का समर्थन किया होता तो पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में खासी कमी आती।
उन्होंने यहां संबोधित करते हुए कहा कि उपराज्यपाल ने अभियान पर रोक लगा दी थी और इस तरह के कदमों की प्रभावशीलता पर सवाल उठाते हुए 29 अक्टूबर (शुक्रवार) को फाइल वापस कर दी। राय ने कहा कि हमने उपराज्यपाल द्वारा उठाए गए सभी सवालों का जवाब दिया है और उनकी मंजूरी के लिए फाइल फिर से सौंपी है। दिल्ली एक आपात स्थिति की ओर बढ़ रही है। हम उपराज्यपाल से (अभियान शुरू करने की खातिर) जल्द से जल्द अनुमति देने का आग्रह करते हैं।
राजधानी में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए पहली बार यह अभियान 16 अक्टूबर, 2020 को शुरू किया गया था। इस अभियान के तहत वाहन चालकों को ट्रैफिक लाइट के हरे होने की प्रतीक्षा करते हुए अपने वाहनों का इंजन बंद करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
राय ने कहा कि 2019 में केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान के एक अध्ययन से पता चला है कि ट्रैफिक सिग्नल पर वाहनों के इंजन को चालू रखने से प्रदूषण का स्तर 9 प्रतिशत से अधिक बढ़ सकता है। राय के अनुसार केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संगठन (पीसीआरए) द्वारा भीकाजी कामा प्लेस चौराहे पर एक अन्य अध्ययन में पता लगा कि इस तरह के अभियान के बाद 62 प्रतिशत से अधिक लोगों ने अपने वाहनों के इंजन को बंद करना शुरू कर दिया।
मंत्री ने कहा कि हमने 2020 में यह अभियान शुरू करने से पहले इन अध्ययनों पर गौर किया था। एचडीएफसी बैंक ने 5 जून, 2022 को देशभर के 40 शहरों में 126 चौराहों पर इस तरह के अभियान चलाए। पीसीआरए के आंकड़ों का हवाला देते हुए राय ने पहले कहा था कि अगर लोग ट्रैफिक सिग्नल पर अपनी गाड़ियों के इंजन को बंद कर देते हैं तो प्रदूषण में 15-20 फीसदी की कमी आ सकती है।
सरकारी अनुमानों के अनुसार दिल्ली में प्रदूषणकारी तत्व पीएम 2.5 उत्सर्जन का 28 प्रतिशत हिस्सा का कारण परिवहन क्षेत्र है। दिल्ली की हवा में 80 प्रतिशत नाइट्रोजन ऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड के लिए वाहन जिम्मेदार हैं।
राय ने कहा कि पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं और प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के साथ यह हवा की गुणवत्ता को और खराब कर सकती है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि पंजाब सरकार पराली जलाने की घटनाओं में कम के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है, लेकिन राज्य में ऐसी घटनाओं में खासी कमी आती, अगर केंद्र ने राज्य सरकार की मेगा योजना का समर्थन किया होता जिसमें किसानों को पराली नहीं जलाने पर नकद प्रोत्साहन राशि देने का प्रस्ताव था।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta