नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली इस वक्त वायु प्रदूषण की जबरदस्त चपेट में है। इसको लेकर दिल्ली के प्रर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पिछले 3-4 दिनों से प्रदूषण का स्तर कम हो रहा था, लेकिन आज फिर से प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी दिख रही है। इसके मद्देनजर आज से कंस्ट्रक्शन का काम रोका जा रहा है। साथ ही मजदूरों को आर्थिक मदद दी जाएगी।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के लिए सरकारी कॉलोनियों से प्राइवेट बसें चलाई जाएंगी। पास के मेट्रो स्टेशन से शटल बस सर्विस शुरू होगी जिससे लोग मेट्रो से आएं और आसानी से दफ्तर पहुंचें। उनकी कॉलोनियों से भी बस सेवा शुरू की जाएगी जिससे लोग अपने निजी वाहन से ना आएं।
वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वायु प्रदूषण के कारण कंस्ट्रक्शन गतिविधियों पर रोक के मद्देनजर मैंने आज मजदूरों के बैंक खातों में 5-5 हजार रुपए जमा करने का आदेश दिया है। हम श्रमिकों को उनके न्यूनतम वेतन के अनुसार मुआवजा भी देंगे, वहीं कई निर्माण स्थल ऐसे हैं जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं है तो वहां कैंप लगा कर रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।
उच्चतम न्यायालय ने खराब होती वायु गुणवत्ता के मद्देनजर दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में निर्माण गतिविधियों पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया है। न्यायालय ने राज्यों को निर्देश दिया कि निर्माण गतिविधियों पर रोक रहने की अवधि के दौरान वे श्रमिकों को श्रम उपकर के तौर पर एकत्रित धनराशि में से गुजारा भत्ता दें।
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की विशेष पीठ का अंतरिम आदेश बुधवार रात को अपलोड किया गया। इसमें पीठ ने एनसीआर और इर्दगिर्द के इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट इन दी एनसीआर एंड एड्जॉइनिंग एरियाज) को निर्देश दिया कि वह वायु प्रदूषण के रिकॉर्ड किए गए स्तरों पर पिछले वर्षों के उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर वायु गुणवत्ता का एक वैज्ञानिक अध्ययन करे।
शीर्ष न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख 29 नवंबर तय करते हुए इस बीच केंद्र सरकार, दिल्ली-एनसीआर राज्यों और आयोग को हालात से निबटने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश दिया। पीठ ने बुधवार को पूछा कि आखिर दिल्लीवासी बहुत खराब वायु गुणवत्ता का नुकसान क्यों उठाएं। उसने कहा कि हालात बेहद गंभीर होने से पहले ही एहतियाती कदम उठाए जाएं। यह आदेश आदित्य दुबे नाम के व्यक्ति की याचिका पर दिया गया जिसमें दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की गई थी।
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता फिर हुई खराब: दिल्ली में गुरुवार को सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 390 दर्ज किए जाने के साथ ही वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली में बुधवार को 24 घंटे का औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 361 था। वायु गुणवत्ता सूचकांक, फरीदाबाद में 394, गाजियाबाद में 362, गुरुग्राम में 322 और नोएडा में 330 दर्ज किया गया।
एक्यूआई को 0 और 50 के बीच 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 9।7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
अधिकतम तापमान के 28 डिग्री सेल्सियस के आसापास रहने का अनुमान है। सुबह साढ़े आठ बजे हवा में आर्द्रता का स्तर 95 प्रतिशत रहा। मौसम वैज्ञानिकों ने दिल्ली में गुरुवार को आसमान आमतौर पर साफ रहने का पूर्वानुमान लगाया है।