नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में सोमवार को पेट्रोल पंपों की हड़ताल की वजह से वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। दिल्ली सरकार द्वारा पेट्रोल व डीजल पर मूल्यवर्धित कर (वैट) में कटौती से इंकार के मद्देनजर हड़ताल का आह्वान किया गया था।
करीब एक दर्जन कंपनी के स्वामित्व और परिचालन वाले पेट्रोल पंपों को छोड़कर शहर में अन्य सभी पंप बंद रहे। इससे वाहन चालक ईंधन के लिए इधर-उधर भटकते देखे गए। दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (डीपीडीए) के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया ने कहा कि सभी 400 पेट्रोल पंप और उससे जुड़े सीएनजी पंप सोमवार सुबह 6 बजे से मंगलवार सुबह 5 बजे तक बंद रहेंगे।
सिंघानिया ने कहा कि पंप ऑपरेटरों ने हालांकि आपात सेवाओं मसलन एम्बुलेंस और सरकारी वाहनों में ईंधन डालने से मना नहीं किया जिससे कि आवश्यक सेवाएं प्रभावित नहीं होने पाएं। सीओसीओ आउटलेट्स पर लंबी कतारें देखी गईं। राजधानी के लोगों के लिए ईंधन भरवाने का सिर्फ यही स्रोत था।
डीपीडीए ने कहा कि केंद्र सरकार ने 5 अक्टूबर को पेट्रोल और डीजल के दाम 2.50 रुपए लीटर घटाए हैं। सरकार ने उत्पाद शुल्क में कटौती करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों से इसका कुछ बोझ उठाने को कहा है। इसी के अनुरूप कई राज्यों ने वैट में कटौती की है। सिंघानिया ने कहा कि हरियाणा और उत्तरप्रदेश ने वैट में कटौती की है लेकिन दिल्ली सरकार ने ऐसा करने से इंकार किया है। इससे यहां वाहन ईंधन दिल्ली की सीमा से लगते हरियाणा और उत्तरप्रदेश से महंगा हो गया है।
सोमवार को दिल्ली में 30 पैसे की कटौती के बाद पेट्रोल 81.44 रुपए प्रति लीटर और डीजल 27 पैसे की कटौती के साथ 74.92 रुपए प्रति लीटर था। गुरुग्राम में पेट्रोल 80.14 रुपए लीटर, नोएडा में 79.02 रुपए लीटर, गाजियाबाद में 78.87 रुपए लीटर और फरीदाबाद में 80.39 रुपए लीटर था, वहीं गुरुग्राम में डीजल 73.78 रुपए, नोएडा में 73.02 रुपए, गाजियाबाद में 72.88 रुपए और फरीदाबाद में 74.01 रुपए लीटर था।
सिंघानिया ने कहा कि उत्तरप्रदेश और हरियाणा में पेट्रोल व डीजल सस्ता होने की वजह से वाहन मालिक विशेष रूप से ट्रक ऑपरेटर इन राज्यों से ईंधन भरवा रहे हैं। इससे दिल्ली में पेट्रोल पंपों की बिक्री में भारी गिरावट आई है।
उन्होंने कहा कि 1 दिन की हड़ताल का मकसद दिल्ली सरकार का ध्यान इस मुद्दे पर दिलाना है। सरकार की प्रतिक्रिया के बाद हम आगे की कार्रवाई के बारे में तय करेंगे। केंद्र ने पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क में 1.50 रुपए लीटर की कटौती की थी। 1 रुपए का बोझ सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों से उठाने के लिए कहा गया है।
इसके बाद महाराष्ट्र और गुजरात ने भी 2.50 रुपए लीटर की कटौती की घोषणा की। बाद में छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, असम, उत्तराखंड, गोवा, अरुणाचल प्रदेश और बिहार ने भी ईंधन पर कर में कटौती की घोषणा की। राज्यपाल शासन वाले जम्मू-कश्मीर ने भी दोनों ईंधनों पर कर घटाने की घोषणा की है।
महाराष्ट्र ने हालांकि सिर्फ पेट्रोल पर वैट घटाया है, डीजल पर उसने कर कटौती नहीं की है। केंद्र द्वारा उत्पाद शुल्क कटौती से पहले ही राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल और आंध्रप्रदेश पिछले महीने ईंधन पर वैट में कटौती कर चुके हैं, हालांकि दिल्ली सरकार ने अभी तक पेट्रोल व डीजल पर वैट नहीं घटाया है। (भाषा)