Demand for electricity increased in the country : देश में बिजली की अधिकतम मांग 2032 तक बढ़कर 366 गीगावाट और 2047 तक 693 गीगावाट हो जाएगी। भारत का लक्ष्य 2005 के स्तर से 2030 तक कार्बन उत्सर्जन की तीव्रता को 45 प्रतिशत तक कम करना और 2070 तक इसे शुद्ध रूप से शून्य स्तर पर लाना है।
एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। देश में बिजली की बढ़ती खपत को देखते हुए यह महत्वपूर्ण है। गौरतलब है कि सितंबर 2023 में बिजली की अधिकतम मांग 243.27 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर एक हजार मेगावाट) के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के सचिव राकेश कुमार ने अमेरिका-भारत ऊर्जा भंडारण कार्य बल की ऑनलाइन तरीके से शुरुआत के मौके पर कहा कि देश में बिजली की अधिकतम मांग 2027 तक 277 गीगावाट, 2032 तक 366 गीगावाट और 2047 तक 693 गीगावाट होने का अनुमान है।
अमेरिका-भारत ऊर्जा भंडारण कार्य बल के सह-प्रमुख कुमार ने कहा कि भारत का लक्ष्य 2005 के स्तर से 2030 तक कार्बन उत्सर्जन की तीव्रता को 45 प्रतिशत तक कम करना और 2070 तक इसे शुद्ध रूप से शून्य स्तर पर लाना है। इस कार्य बल की शुरुआत वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई। इसकी स्थापना अमेरिकी ऊर्जा विभाग (डीओई) और भारत के बिजली मंत्रालय (एमओपी) ने की है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour