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नोटबंदी के दो साल: मनमोहन और कांग्रेस ने कहा- अर्थव्यवस्था की 'तबाही' वाला कदम, जेटली ने किया पलटवार

हमें फॉलो करें नोटबंदी के दो साल: मनमोहन और कांग्रेस ने कहा- अर्थव्यवस्था की 'तबाही' वाला कदम, जेटली ने किया पलटवार
, गुरुवार, 8 नवंबर 2018 (11:43 IST)
नई दिल्ली। नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर कांग्रेस पीएम मोदी और सरकार पर हमला करने की तैयारी कर चुकी है. कांग्रेस ने कहा कि नोटबंदी के दो साल होने पर वह शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेगी। वहीं, दूसरी ओर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के दो साल पूरे होने के मौके पर बृहस्पतिवार को नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर निशाना साधा और कहा कि अर्थव्यवस्था की 'तबाही' वाले इस कदम का असर अब स्पष्ट हो चुका है तथा इससे देश का हर व्यक्ति प्रभावित हुआ।
 
 
सिंह ने एक बयान में भी कहा कि मोदी सरकार को अब ऐसा कोई आर्थिक कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे अर्थव्यवस्था के संदर्भ में अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो। उन्होंने कहा, 'नरेंद्र मोदी सरकार ने 2016 में त्रुटिपूर्ण ढंग से और सही तरीके से विचार किए बिना नोटबंदी का कदम उठाया था। आज उसके दो साल पूरे हो गए। भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज के साथ की गई इस तबाही का असर अब सभी के सामने स्पष्ट है।' 
 
 
सिंह ने कहा, 'नोटबंदी से हर व्यक्ति प्रभावित हुआ, चाहे वह किसी भी उम्र का हो, किसी लैंगिक समूह का हो, किसी धर्म का हो, किसी पेशे का हो। हर किसी पर इसका असर पड़ा।'उन्होंने कहा कि देश के मझोले और छोटे कारोबार अब भी नोटबंदी की मार से उबर नहीं पाए हैं।
 
 
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा की जिसके तहत, उन दिनों चल रहे 500 रुपए और एक हजार रुपये के नोट चलन से बाहर हो गए थे।
 
 
कांग्रेस ने कहा नोटबंदी के लिए मोदी माफी मांगे :
नोटबंदी के दो साल होने पर वह शुक्रवार से कांग्रेस राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेगी। पार्टी ने कहा है कि अर्थव्यवस्था को बर्बाद और तहस-नहस करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोगों से माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि दो साल पहले नोटबंदी के तुगलकी फरमान से देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह तबाह करने के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने के लिए कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे।
 
 
मनीष तिवारी ने कहा कि दो साल पहले आठ नवंबर को प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए तकरीबन 16.99 लाख करोड़ रुपए मूल्य की मुद्रा को चलन से बाहर कर दिया। उस तुगलकी फरमान के लिए तीन कारण दिए गए थे कि इससे काले धन पर रोक लगेगी, जाली मुद्रा बाहर होगी और आतंकवाद को वित्तीय सहायता मिलनी बंद हो जाएगी लेकिन दो साल बाद इनमें से कोई लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया।
 
 
मनीष तिवारी ने कहा कि आज भारतीय अर्थव्यवस्था में आठ नवंबर 2016 की तुलना में चलन में ज्यादा नकदी है। कांग्रेस आठ नवंबर 2018 को मांग करेगी कि भारतीय अर्थव्यस्था को बर्बाद तथा तहस-नहस करने के लिए प्रधानमंत्री को देश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे, उन्होंने कहा कि सभी नेता और कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे।


जेटली ने किया पलटवार :
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक ब्लॉग लिखकर नोटबंदी के 2 साल पूरे होने पर इसे एक सफल फैसला करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से 2 साल में काले धन में कमी आई है। साथ ही पिछले दो साल में इनकम टैक्स रिटर्न्स में भी बढ़ोतरी देखी गई है।


वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नोटबंदी से औपचारिक अर्थव्यवस्था का विस्तार हुआ और कर आधार भी बढ़ा। इससे सरकार के पास गरीबों के हित में काम करने और बुनियादी ढांचे का विकास करने के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध हुए।
 
 
नोटबंदी की दूसरी बरसी पर एक फेसबुक पोस्ट में जेटली ने लिखा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पहले चार साल में आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या बढ़कर 6.86 करोड़ हो गई जबकि मई 2014 यह संख्या 3.8 करोड़ थी।
 
 
‘नोटबंदी का प्रभाव’ शीर्षक से लिखे अपने इस लेख में जेटली ने कहा, ‘इस सरकार के पांच साल पूरे होने तक, हम करदाताओं की संख्या को दोगुना कर चुके होंगे।’ उन्होंने कहा कि नवंबर 2016 में उस समय चलने वाले 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने का परिणाम यहु हुआ कि ‘हमारी अर्थव्यवस्था अधिक औपचारिक हुई, अधिक राजस्व मिला, गरीबों के लिए अधिक संसाधन मिले, बुनियादी ढांचा बेहतर हुआ और हमारे नागरिकों का जीवन स्तर भी बेहतर हुआ है।’
 

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