नई दिल्ली। भाजपा नेता जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली एक संसदीय समिति ने सोमवार को विभिन्न हितधारकों के साथ क्रिप्टो वित्त और क्रिप्टो करेंसी के गुण-दोष पर चर्चा की। कई सदस्य क्रिप्टो करेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के बजाय इसके बाजार को विनियमित करने के पक्ष में हैं।
यह बैठक क्रिप्टो करेंसी के बारे में विभिन्न वर्गों में बढ़ती चिंताओं और उनमें व्यापार से उत्पन्न संभावित जोखिमों की पृष्ठभूमि के मद्देनजर हुई है, खासकर जब से दुनियाभर में ऐसी संपत्तियों में रुचि बढ़ी है। वर्तमान में देश में इसको लेकर न तो विशिष्ट नियम हैं और न ही क्रिप्टो करेंसी के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध है।
क्रिप्टो एक्सचेंजों के प्रतिनिधियों, ब्लॉक चेन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (बीएसीसी), उद्योग निकायों के साथ-साथ शिक्षाविदों और अन्य हितधारकों ने समिति के समक्ष अपने विचार प्रस्तुत किए।
समिति की बैठक से कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टो करेंसी के मुद्दे पर विभिन्न मंत्रालयों और रिजर्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की थी। वित्त पर संसद की स्थायी समिति द्वारा इस विषय पर बुलाई गई यह पहली बैठक है। समिति के अध्यक्ष सिन्हा हैं, जो पूर्व वित्त राज्यमंत्री भी रहे हैं।
क्रिप्टो वित्त को लेकर निवेश क्षमता और जोखिमों के बारे में विभिन्न पक्षों की दिलचस्पी और चिंताएं हाल के दिनों में तेजी से बढ़ी हैं। सूत्रों ने बताया कि मोटे तौर पर समिति के सदस्य क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंजों के लिए विनियम चाहते हैं और क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं हैं।
प्रतिबंध लगाने में चुनौतियां : समिति में शामिल कुछ कांग्रेस सांसदों ने बताया कि क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगाने में कई बड़ी चुनौतियां हैं। इससे पहले समिति के अध्यक्ष और पूर्व वित्त राज्यमंत्री सिन्हा ने बैठक के बारे में कहा कि क्रिप्टो वित्त से संबंधित उन अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी, जिसका सामना तेजी से विकसित हो रहे उद्योग के चलते नियामकों और नीति निर्माताओं को करना होगा।
सिन्हा ने कहा कि हमने प्रमुख एक्सचेंजों के परिचालकों, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सदस्यों के साथ ही भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम)-अहमदाबाद के शिक्षाविदों सहित पूरे उद्योग के हितधारकों को बुलाया है, जिन्होंने क्रिप्टो वित्त पर बहुत गहन अध्ययन किया है। उन्होंने आगे कहा कि समिति ने इंडिया इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रतिनिधियों को भी बुलाया है। (भाषा)