नई दिल्ली। नागालैंड सरकार ने 3 साल पहले प्रदेश में कुत्तों के मांस के बेचे जाने पर रोक लगा दी थी। इस मामले में अब गुवाहाटी हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए इसे रद्द कर दिया है। साल 2020 में नागालैंड सरकार ने व्यावसायिक आयात, कुत्तों की खरीद-फरोख्त और कुत्तों के मांस की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। इसके साथ ही रेस्टोरेंट में इसे सर्व किए जाने पर भी रोक लगी हुई थी।
बार एंड बेंच वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, गुवाहाटी हाई कोर्ट की कोहिमा बैंच के जस्टिस मर्ली वंकुंग की पीठ ने बीते शुक्रवार नागालैंड सरकार के फैसले को रद्द करते हुए कहा कि बिना किसी कानूनी समर्थन के वो इस तरह से कुत्तों के मीट पर बैन नहीं लगा सकते हैं। 4 जुलाई 2020 को नागालैंड कैबिनेट की बैठक के बाद एक नोटिफिकेशन के माध्यम से कुत्तों की ट्रेडिंग और उनके मीट पर रोक लगा दी गई थी।
इस मामले में अब पीठ ने कहा, नागालैंड सरकार ने विधानसभा के माध्यम से बिना कोई कानून पास करे कुत्तों के मीट पर रोक लगा दी थी। उनके द्वारा लाए गए कैबिनेट के नोटिफिकेशन की कोई कानूनी मानयता नहीं है। लिहाजा इसे निरस्त किया जाता है
हाई कोर्ट की तरफ से यह तर्क दिया गया है कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट के तहत सरकार नोटिफिकेशन लाने की बात कह रही है। इस कानून में कहीं नहीं लिखा कि सरकार के पास इस तरह से नोटिफिकेशन के माध्यम से कुत्तों के मांस पर रोक लगाने का हक है।
Edited: By Navin Rangiyal/Bhasha