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घरेलू हवाई यात्रा आज से शुरू, पृथक-वास को लेकर अभी भी भ्रम की स्थिति

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, सोमवार, 25 मई 2020 (00:15 IST)
नई दिल्ली। देश में घरेलू हवाई यात्रा करीब दो महीने तक बंद रहने के बाद सोमवार से शुरू होने जा रही है, लेकिन विमानों से यात्रा करने वालों के लिए पृथक-वास के नियमों को लेकर अभी भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
 
हालांकि, उड़ानें सोमवार से शुरू हो रही हैं लेकिन फिलहाल प्रत्येक शहर के लिए न्यूनतम उड़ानें निर्धारित की गई हैं और कुछ हवाई अड्डे ऐसे भी हैं, जहां से परिचालन सोमवार को शुरू नहीं होगा।
 
सरकारी अधिकारियों ने रविवार की रात बताया कि चक्रवातीय तूफान ‘अम्फान’ से प्रभावित पश्चिम बंगाल के कोलकाता और बागडोगरा हवाई अड्डे से 25 से 27 मई के बीच विमानों का कोई परिचालन नहीं होगा, लेकिन 28 मई से वहां से 20 उड़ानों का परिचालन होगा।
 
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के मुंबई और तेलंगाना के हैदराबाद हवाई अड्डों से सोमवार से क्रमश: 50 और 30 उड़ानों का परिचालन होगा। महाराष्ट्र सरकार ने केन्द्र से अनुरोध किया है कि वह राज्य के लिए हवाई सेवा को फिलहाल न्यूनतम रखे।
 
तमिलनाडु के चेन्नई हवाई अड्डे के संबंध में नागर विमानन मंत्री हरदीप पुरी ने आज रात बताया कि सोमवार से दिन में वहां अधिकतम 25 विमान लैंड कर सकेंगे लेकिन वहां से उड़ान भरने वाले विमानों की संख्या निर्धारित नहीं की गई है।
 
अधिकारियों ने बताया कि आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा और विशाखापत्तनम हवाईअड्डे से सोमवार से किसी भी उड़ान का परिचालन नहीं होगा, बल्कि मंगलवार से सेवा शुरू होगी।
 
घरेलू उड़ानें शुरू करने संबंधी संशोधित कार्यक्रम जारी होने के बाद कुछ राज्यों ने इसका विरोध भी किया है क्योंकि उनके सामने समस्या है कि वे विमानों से आने वाले हजारों यात्रियों से कैसे निपटेंगे।
 
सोमवार से शुरू हो रही 1,050 उड़ानों के लिए बुकिंग शुरू हो गई थी, लेकिन संशोधित कार्यक्रम आने के बाद कई उड़ानें रद्द हो गई हैं, जिससे सैकड़ों यात्रियों को निराशा हाथ लगी है। विमानन कंपनियों को पहले अपनी क्षमता का एक-तिहाई परिचालन करने की अनुमति थी।
 
देश में 25 मार्च से जारी लॉकडाउन के चौथे चरण के अंतिम सप्ताह में घरेलू हवाई सेवा को बहाल करने का फैसला ऐसे समय में लिया जा रहा है जबकि पिछले तीन दिन से लगातार देश में कोविड-19 के 6,000 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। रविवार को देश में 6,767 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। चार चरणों वाला 68 दिन का लॉकडाउन 31 मई को समाप्त होने वाला है।
 
अलग-अलग राज्यों द्वारा हवाई यात्रियों के लिए लागू किए गए पृथक-वास के अलग-अलग नियमों को लेकर भी विमानों के चालक दलों में भ्रम की स्थिति है।
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इस बीच, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने घरेलू उड़ानों, रेल तथा सड़क यातायात को लेकर अपनी ओर से दिशा-निर्देश जारी किए हैं और कहा है कि सभी राज्य अपने हिसाब से पृथक-वास को लेकर अपना प्रोटोकॉल तय कर सकते हैं। यात्रियों को अपने मोबाइल हैंडसेट पर आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने की भी सलाह दी गई है।
 
मंत्रालय ने अन्य नियमों के साथ-साथ पृथक-वास संबंधी अपना प्रोटोकॉल जारी करते हुए सलाह दी है कि प्रत्येक प्रवेश और निकास बिन्दु पर शरीर के तापमान की जांच की जाए, और जिन लोगों में लक्षण नजर नहीं आते हैं उन्हें यह सलाह देते हुए घर जाने दिया जाएगा कि वे 14 दिन तक अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
 
एयरएशिया ने ट्वीट किया है कि सभी यात्री अपने गंतव्य राज्य के स्वास्थ्य प्रोटोकॉल जरुर पढ़ें और वह ‘‘किसी भी यात्री को वापस लाने या उनके पृथक-वास या अन्य खर्च उठाने के लिए बाध्य नहीं होगा।’’
 
महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर अपने हवाई अड्डे खोले जाने का विरोध किया था। हालांकि, देर रात करीब 10 बजे तमिलनाडु ने अपने यहां हवाई यात्रियों के पृथक-वास आदि संबंधी एसओपी जारी करके मामले को स्पष्ट कर दिया।
 
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर परिचालन पूरी तरह पुन: शुरू करने के लिए नागर विमानन मंत्रालय से रविवार को और वक्त मांगा। ठाकरे ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र से सोमवार से यथासंभव न्यूनतम घरेल उड़ानों की शुरुआत की जाए।
 
उन्होंने ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा, ‘मैंने आज नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी से बात की और उन्हें बताया कि मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को परिचालन बहाल करने के लिए और वक्त चाहिए।’
 
इससे पहले दिन में राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने महामारी के जारी प्रकोप के बीच उड़ानें शुरू करने को एक ‘बहुत बुरा सुझाव’ बताया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा कि वह केंद्र से कोलकाता और बागडोरा हवाई अड्डों को दोबारा शुरू करने का काम कुछ दिन टालने को कहेंगी।
 
अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को पहली उड़ान मुंबई से पटना के लिए सुबह चार बजकर 20 मिनट पर और दिल्ली से पहली उड़ान कोलकाता के लिए सुबह साढ़े 4 बजे थी, लेकिन अब दोनों रद्द कर दी गई हैं। दोनों उड़ानें इंडिगो की हैं।
 
पीटीआई-भाषा ने विमान सेवाएं दोबारा चालू होने की तैयारियों के बारे में कई पायलटों और सह-पायलटों (फर्स्ट ऑफिसर) से बात की। इनमें से अधिकतर की चिंता बाहर से आने वालों को पृथक रखे जाने के नियम, स्वयं एवं परिवार की सुरक्षा और कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में उनके उड़ान भरने को लेकर हैं।
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एक पायलट ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, ‘इस बात को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है कि सोमवार को उन्हें उड़ान भरने के लिए अपने बेस स्टेशन पर रिपोर्ट करना है या अपने गृह नगर से लौटकर बेस स्टेशन पर पहुंचने के बाद 14 दिन के लिए घर पर पृथक रहना है।’’ उन्होंने कहा कि उसकी तरह कई अन्य पायलट भी लॉकडाउन की वजह से अपने घरों को लौट गए थे।
 
कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, बिहार, पंजाब, असम, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गोवा और जम्मू-कश्मीर उन कुछ राज्यों में से हैं, जिन्होंने उनके राज्य के हवाई अड्डों पर उतरने वाले यात्रियों के लिए अलग-अलग पृथक-वास के नियम तय किए हैं।
 
कुछ राज्यों ने जहां यात्रियों को अनिवार्य संस्थागत पृथक-वास केन्द्रों में रखने का फैसला लिया है, वहीं कई अन्य ने उन्हें घर और पृथक-वास केन्द्रों में रखने की बात कही है।
 
हालांकि, पुरी ने शनिवार को राज्यों के इन नियमों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यदि कोई यात्री आरोग्य सेतु एप पर अपने आप के सही होने की रपट करता है तो इसका मतलब यात्री सुरक्षित है। राज्यों का रुख इस पर अड़ियल है और केंद्र सरकार पायलट और चालक दल के लिए एक समान पृथक रहने के नियम बनाने की कोशिश कर रही है।
 
दिल्ली सरकार ने घरेलू यात्रा पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने का फैसला लिया है। नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 20 मई को घरेलू यात्री उड़ानें 25 मई से सशर्त फिर चालू करने की घोषणा की थी। देश में करीब दो महीने बाद यात्री उड़ान सेवाएं शुरू होने जा रही है। कोविड-19 लॉकडाउन की वजह से देश में 25 मार्च से विमानन सेवाओं पर रोक थी।
 
पिछले हफ्ते सरकार ने विशिष्ट नियमों के तहत उड़ानें शुरू करने की अनुमति दी है। इसमें उड़ान के लिए अधिकतम किराया, यात्रियों के लिए मास्क पहनने की अनिवार्यता, आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने की अनिवार्यता, यात्रा के दौरान खाने-पीने की चीजों के वितरण पर रोक और गंतव्य पर पहुंचकर 14 दिन पृथक रहने का स्वघोषणा पत्र देना शामिल है।
 
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शनिवार को कहा कि राज्य में आने वाले सभी यात्रियों को 14 दिन की प्रशासनिक निगरानी में पृथक रहना होगा।
 
केरल और पंजाब सरकार ने कहा कि राज्य में आने वाले सभी यात्रियों को 14 दिन के लिए घरों पर पृथक रहना होगा। वहीं, बिहार सरकार ने कहा है कि सभी यात्रियों को 14 दिन के लिए पृथक रहना होगा, जिसका उन्हें भुगतान करना पड़ेगा।
 
असम सरकार ने सभी चालक दल और पायलटों को 14 दिन पृथक रहने का नियम बनाया है। जबकि यात्रियों को वह घर और सरकारी पृथक केंद्रों पर बराबर-बराबर बांट देगी।
 
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट कहा है कि यदि कोई यात्री बुरी तरह कोविड-19 प्रभावित राज्य से यात्रा कर रहा है तो उसे सात दिन के लिए अनिवार्य तौर पर प्रशासनिक निगरानी में रखा जाएगा। बाद में उसका कोविड-19 परीक्षण नकारात्मक आने पर उसे बाकी सात दिन घर पर पृथक रहना होगा।
 
कर्नाटक ने महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, तमिलनाडु, राजस्थान और मध्यप्रदेश को कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित राज्य के तौर पर वर्गीकृत किया है। (भाषा) 

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