Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

ड्रोन हमले ने बढ़ाई सुरक्षा एजेंसियों की चिंता, हाईग्रेड विस्फोटक के इस्तेमाल की खबर

हमें फॉलो करें ड्रोन हमले ने बढ़ाई सुरक्षा एजेंसियों की चिंता, हाईग्रेड विस्फोटक के इस्तेमाल की खबर

सुरेश एस डुग्गर

, सोमवार, 28 जून 2021 (13:12 IST)
जम्मू। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हाल ही में कश्मीरी नेताओं से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने एवं चुनाव से जुड़े मुद्दों पर बातचीत की, वहीं आतंकियों ने पहली बार भारत के किसी वायुसैनिक हवाई अड्डे पर ड्रोन से बम हमला किया है।  इसे पाकिस्तान की बौखलाहट माना जा रहा है। 

अभी तक ड्रोन का उपयोग नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए किया जा रहा था, लेकिन पहली बार हमले के लिए ड्रोन का इस्तेमाल भारत के लिए 'गंभीर चेतावनी' है। सोमवार को एक बार फिर कालूचक मिलिट्री स्टेशन के पास ड्रोन दिखाई दिए, लेकिन सुरक्षाबलों के हरकत में आते ही वे गायब हो गए। 
 
इसके पीछे पाकिस्तान का हाथ बताया जा रहा है। यह भी पता चला है कि आतंकियों ने विस्फोट के लिए टीएनटी (TNT) या आरडीएक्स का इस्तेमाल किया था। हालांकि सुरक्षा एजेंसियां फिलहाल पूरे मामले की जांच में जुटी हैं। आपको बता दें कि पंजाब और जम्मू-कश्मीर में ड्रोन की मदद से आतंकियों तक पहले भी हथियार पहुंचाए जा चुके हैं, लेकिन ड्रोन की मदद से यह हमले का पहला मामला है। 
 
सुरक्षा एजेंसियों की बढ़ी चिंता : रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक हमले का निशाना और उसका तरीका तय करता है कि वह कितना बड़ा है। यह वायुसेना की प्रतिरक्षा प्रणाली, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बरती जा रही चौकसी में लापरवाही की तरफ भी हमारा ध्यान दिलाता है। इन हमलों में एक इमारत की छत टूट गई और दो वायुसैनिक घायल हुए थे। हालांकि इस हमले के बाद अवंतिपोरा व पंजाब के पठानकोट हवाई अड्डे की सुरक्षा पुख्ता की कर दी गई है। ऐसे भी समाचार हैं कि आतंकियों के अगले निशाने यही दो वायुसैनिक हवाई अड्डे हो सकते हैं। इस हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों की चिंता भी बढ़ गई है। 
 
‍विमान थे निशाने पर : इस बीच, आशंका जताई जा रही है कि जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर बम हमला वहां खड़े विमानों को निशाना बनाने के लिए किया गया था। जिस जगह बम गिरा था वहां से हेलीकॉप्टरों की आवाजाही करवाई जाती थी, लेकिन इसमें किसी विमान को नुकसान नहीं पहुंचा।
 
माना जा रहा है कि आतंकियों को इस तरह का ड्रोन और टेक्नोलॉजी पाकिस्तानी सेना ने ही दी है। अगर ऐसा नहीं है तो फिर यह कहा जाएगा कि जम्मू में ही एयरपोर्ट के आसपास किसी सक्रिय आतंकी ने यह काम किया है। यह भी सच है कि पाकिस्तान प्रदेश में हथियारों व मादक पदार्थों की सप्लाई के लिए ड्रोन का खुल इस्तेमाल कर रहा है। प्रदेश में इंटरनेशनल बॉर्डर तथा एलओसी पर पिछले डेढ़ साल में उसने 8 बार ऐसी कामयाब डिलीवरी भी की हैं और अब पहली बार ड्रोन से बम हमला भी कर दिया है।
 
कब-कब हुआ ड्रोन का इस्तेमाल 
  • 13 अगस्त, 2019 को अमृतसर के मोहावा गांव से हेक्साकॉप्टर ड्रोन बरामद किया था। उस समय वह क्षतिग्रस्त अवस्था में था। 
  • सितंबर 2019 में पंजाब के तरन तारन से गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ में पता चला था कि पंजाब में ड्रोन की मदद से हथियार डिलीवर हुए थे। 
  • 20 जून, 2020 को जम्मू के हीरानगर सेक्टर में बीएसएफ ने एक जासूसी ड्रोन को मार गिराया था। 
  • 19 सितंबर, 2020 को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लश्कर के 3 स्थानीय आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था, जिनसे पूछताछ में खुलासा हुआ था कि उन्हें ड्रोन की मदद से हथियार मुहैया कराए गए थे। 
  • 22 सितंबर 2020 को जम्मू कश्मीर पुलिस ने हथियार बरामद किए थे, अखनूर सेक्टर में ये हथियार ड्रोन की मदद से भेजे गए थे। 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बड़ी खबर: मध्यप्रदेश में एक जुलाई से नहीं खलेंगे स्कूल,ऑनलाइन ही होगी पढ़ाई