जालंधर में बीते दिनों को अर्जुन अवार्डी डीएसपी दलबीर सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने E Auto ड्राइवर विजय कुमार को गिरफ्तार किया है। बता दें कि बस्ती बावा खेल नहर के पास डीएसपी दलबीर सिंह की लाश मिली थी।
आरोपी ने कबूल किया है कि उसके eAuto में ही बैठकर DSP दलबीर सिंह बस स्टैंड से निकले थे, रास्ते में उसने और डीएसपी ने एक ढाबे पर शराब पी। घर जाते वक्त विवाद हुआ डीएसपी ने उसे गाली दी और उसने डीएसपी की रिवाल्वर से ही उसे गोली मार दी थी। आरोपी लांबड़ा का रहने वाला है।
सड़क हादसा मान रही थी पुलिस : पुलिस पहले इस मामले को सड़क हादसा मान रही थी। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डीएसपी को गोली मारने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। जालंधर बस स्टैंड के पास जहां से डीएसपी दलबीर सिंह के दोस्तों ने नए साल वाली रात उन्हें ड्रॉप किया था, वहां से सीसीटीवी कैमरों की स्कैनिंग चालू की। पुलिस ने करीब 50 सीसीटीवी कैमरों की जांच की।
पहले खाना खाया फिर...: इस दौरान पुलिस को पता चला कि डीएसपी दलबीर सिंह देओल रात करीब साढ़े 12 बजे एक Auto से वर्कशॉप चौक के पास उतरे। यहां उन्होंने मामे के ढाबे पर नॉनवेज खाया था। पुलिस ने बताया कि वर्कशॉप चौक से ई-रिक्शा चालक विजय डीएसपी को लेकर चला। इसके बाद पुलिस ने कई ऑटो चालकों को पूछताछ के लिए बुलाया, जिन में एक आरोपी विजय भी था। पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया और हत्या की वजह भी बताई।
इसलिए मारा डीएसपी को : आरोपी विजय ने बताया कि नशे में डीएसपी ने ऑटो चालक को गाली दी। यह उसे बर्दाश्त नहीं हुआ। उसने डीएसपी की रिवॉल्वर से ही माथे पर गोली मारकर हत्या कर दी और फिर उनकी लाश नहर के पास फेंक दी। पुलिस अभी आरोपी से डीएसपी की सरकारी पिस्टल बरामद नहीं कर सकी है। बता दें कि अर्जुन अवार्ड विजेता डीएसपी दलबीर सिंह अपने दोस्तों के साथ नए साल पर पार्टी करने गए थे, लेकिन घर नहीं लौटे। एक जनवरी को जालंधर में बस्ती बावा खेल नहर के पास उनका शव मिला था। दलबीर सिंह मूलरूप से कपूरथला के गांव खोजेवाल के रहने वाले थे और जालंधर स्थित पीएपी ट्रेनिंग सेंटर में तैनात थे।
Edited By : Navin Rangiyal