कश्मीर घाटी में आतंकियों के मददगार डीएसपी देविंदर सिंह पर अब चारों तरफ से शिकंजा कसता जा रहा है। एक ओर जहां डीएसपी को राज्य पुलिस से बर्खास्त करने की तैयारी कर ली गई है, वहीं दूसरी ओर अब देश से गद्दारी करने वाले डीएसपी देविंदर सिंह को सिख पंथ से बाहर करने की मांग उठने लगी है। मध्यप्रदेश के होशंगाबाद के इटारसी के रहने वाले जसपाल सिंह भाटिया ने आतंकियों के मददगार डीएसपी देविंदर सिंह को सिख पंथ से बहिष्कृत करने की मांग सिखों की सर्वोच्च संस्था श्री अकाल तख्त के सत्कार योग जत्थेदार साहिब से की है।
'वेबदुनिया' से बातचीत में जसपाल सिंह भाटिया कहते हैं कि सिख कौम अपनी राष्ट्रभक्ति के लिए जानी जाती है और यह कौम कुर्बानी देने वाली है। लेकिन देविंदर सिंह ने आतंकियों की मदद कर पूरी सिख कौम का सिर शर्म से झुका दिया है। इसलिए उन्होंने अकाल तख्त को पत्र लिखकर देविंदर सिंह को सिख कौम से बहिष्कृत करने की मांग की है।
'वेबदुनिया' से बातचीत में जसपाल सिंह भाटिया पूरे मुद्दों के राजनीति से जोड़ने के सवाल पर कहते हैं कि वे खुद एक राजनीतिक पार्टी के ताल्लुक रखते हैं लेकिन देश की सुरक्षा के नाम पर किसी भी प्रकार की राजनीति करना गलत है। वे कहते हैं कि सिखों की कौम देश पर मर मिटने वाली कौम है और आज हमारी कौम का एक आदमी पैसे लेकर आतंकियों की मदद कर रहा है, तो यह हमारे लिए शर्मिंदगी की बात है।
बातचीत में जसपास सिंह भाटिया कहते हैं कि उन्होंने अकाल तख्त को एक आम सिख की भावना से अवगत कराते हुए पत्र लिखा है और उन्हें उम्मीद है कि वे इस पर विचार करेंगे। वे कहते हैं कि गुरु गोविंद सिंह के समय से राष्ट्र से गद्दारी करने वालों को 'तनखैया' घोषित करने की जो परंपरा चली आ रही है, उसी के तहत अब देविंदर सिंह को भी 'तनखैया' घोषित किया जाए।