नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के क्रियान्वयन पर बने मंत्रिमंडलीय समूह ने अंतरराज्यीय माल परिवहन के लिए ई-वे बिल की व्यवस्था 1 अप्रैल से लागू करने की सिफारिश की है जबकि राज्य के भीतर ई-वे बिल बाद में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में समूह की शनिवार को यहां हुई बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक में जीएसटी रिटर्न को सरल बनाने पर भी चर्चा हुई, लेकिन इस संबंध में कोई आम सहमति नहीं बन सकी। अंतरराज्यीय ई-वे बिल व्यवस्था 1 फरवरी से लागू करने के लिए अधिसूचना भी जारी कर दी गई थी लेकिन पहले ही दिन ई-वे बिल पोर्टल क्रैश कर जाने के कारण इसे टालना पड़ा था।
मोदी ने बताया कि बैठक में पोर्टल विकसित करने वाले एजेंसी नेशनल इंफॉर्मेशन सेंटर ने एक प्रस्तुतीकरण दिया है। पोर्टल को नए सिरे से तैयार किया गया है और परीक्षण के दौरान रोजाना 6.5 लाख ई-वे बिल तैयार हो रहे हैं। 2 बार 'लोड टेस्ट' भी किया गया है जिनमें 1 दिन में अधिकतम 50 लाख ई-वे बिल तैयार हुए हैं। तीसरा 'लोड टेस्ट' भी अगले 2 दिनों में होना है।
उन्होंने बताया कि आरंभिक चरण में इस व्यवस्था को लागू करने पर रोजाना 25 से 50 लाख ई-वे बिल तैयार होने का अनुमान है जिसके लिए पोर्टल सक्षम है इसलिए 1 अप्रैल से ई-वे बिल व्यवस्था लागू करने की सिफारिश जीएसटी परिषद को की जाएगी। परिषदइस पर अंतिम निर्णय लेगी। (वार्ता)