Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

महाकुंभ से मजबूत हुई अयोध्या की अर्थव्यवस्था, इतिहास में पहली बार इतनी संख्‍या में पहुंचे श्रद्धालु

प्रयागराज महाकुंभ के दौरान 46 दिनों में अयोध्या में करीब 13000 करोड़ का कारोबार हुआ

Advertiesment
हमें फॉलो करें महाकुंभ से मजबूत हुई अयोध्या की अर्थव्यवस्था, इतिहास में पहली बार इतनी संख्‍या में पहुंचे श्रद्धालु
webdunia

संदीप श्रीवास्तव

Economy of Ayodhya: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ को भव्य बनाने के लिए यूपी सरकार ने 7500 करोड़ रुपए खर्च किए और समापन के उपरांत यूपी सरकार को 3.5 लाख करोड़ रुपय का आर्थिक लाभ हुआ। इस आर्थिक लाभ में प्रमुख रूप से प्रयागराज, अयोध्या व काशी जनपदों का विशेष योगदान रहा। अयोध्या की अगर बात करें करे तो विगत वर्ष 22 जनवरी 2024 को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह माय अयोध्या के इतिहास में सबसे ज्यादा भीड़ हुई थी, किन्तु महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं के सैलाब ने उस रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। जानकारों के मुताबिक 20 करोड़ से अधिक श्रद्धालु 46 दिनों में अयोध्या आए, जिसके चलते अयोध्या का आर्थिक विकास भी कई गुना हुआ। 
 
महाकुंभ के दौरान अयोध्या में अधिक लाभ कमाने वाले प्रमुख व्यवसायों में होटल व्यवसायी, होम स्टे, धर्मशाला, रेस्टोरेंट, टैक्सी- ऑटो, पेट्रोल पम्प, वाहन पार्किंग आदि के साथ ही लघु व्यवसायियों ने भी काफी कमाई की। इनमें टीका-चंदन लगाने वाले, माला, फोटो बेचने वाले, चूरमुरा वाले, ढाबा वाले, चाय, समोसा, पूड़ी- सब्जी वाले, पंडा, प्रसाद, लड्डू बेचने वाले इत्यादि इन सभी की इन 46 दिनों में चांदी रही। सभी ने जमकर कमाई की। साथ ही महाकुंभ के चलते 46 दिनों मे अयोध्या परिक्षेत्र के अंतर्गत अयोध्या सहित उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों एवं प्रदेश के बाहर से आए लगभग 70 हजार से अधिक बेरोजगारों को रोजगार भी मिला, जिन्होंने वर्ष भर की कमाई केवल 46 दिनों मे ही कर ली। 
 
सोच से भी ज्यादा लाभ : राष्ट्रीय स्तर के जाने-माने वित्तीय विशेषज्ञ राजेश दूबे ने वेबदुनिया से बात करते हुए बताया क़ी लोगों के अपने-अपने अनुमान व आंकड़े हैं। महाकुंभ के लिए प्रयागराज तो मुख्य केंद्र रहा ही, लेकिन अयोध्या व काशी भी उत्तर प्रदेश के आर्थिक विकास में पीछे नहीं रहे। उन्होंने कहा कि जो प्रयागराज महाकुंभ का आंकड़ा आया है, मुझे लगता है कि इससे भी अधिक लोग वहां आए होंगे। महाकुंभ से व्यापारियों को इतना फायदा हुआ है, जितना उन्होंने कभी सोचा ही नहीं होगा। भगवान ने छप्पर फाड़ कर दिया है। 
webdunia

इसमें मुख्य रूप से स्थानीय व्यापारी, होटल व्यवसायी, धर्मशाला, होम स्टे वाले, टैक्सी-टैम्पो वाले, फेरी वाले, माला बेचने वाले इत्यादि व्यवसायियों का कुंभ से भाग्योदय हो गया। अगर अयोध्या क़ी बात की जाए तो मेरा मानना है प्रयागराज महाकुंभ में जितने भी लोग आए उसके 50% श्रद्धालु अयोध्या भी आए। क्योंकि अयोध्या की सभी गलियां, सभी रास्ते, सभी मार्ग कई किलोमीटर तक श्रद्धालुओं से ही भरे रहे। बराबर अवगमन बना रहा। किन्तु, सबसे बड़ी बात यह रही कि इतने बड़े आयोजन के पहले ही सरकार ने अयोध्या के सभी मार्गों का चौड़ीकरण करके, सभी तरह की सुविधाओं से युक्त कर अयोध्या को अयोध्या धाम के रूप में स्थापित कर दिया।
 
उन्होंने कहा कि सरकार की दूरदृष्टि महाकुंभ के आयोजन में देखने को मिली। शांतिपूर्ण ढंग से सकुशल महा आयोजन हुआ, जो कि चुनौतीपूर्ण था और ऐतिहासिक भी। प्रयागराज मे स्नान के बाद सरयू स्नान का बहुत पौराणिक महत्व हैा, जिसके चलते अयोध्या इतनी भारी संख्या मे श्रद्धालु आए। मेरा अनुमान है कि अयोध्या में कुंभ से 30 करोड़ के लगभग श्रद्धालु आए। 46 दिनों में अयोध्या में लगभग 70 हजार से अधिक लोगों को रोजगार भी मिला। उन्होंने कहा कि अगर प्रति व्यक्ति 1000 रुपए खर्च किया है (जिसमें रहने, खाने, ऑटो व दान आदि) तो 300 बिलियन रुपए के लगभग मे आय हुई होगी।
webdunia
अब ऐसा आयोजन होना मुश्किल : अयोध्या के आचारी मंदिर के महंत विवेक आचार्य ने वेबदुनिया को बताया कि 144 वर्षों के बाद जो महाकुंभ प्रयागराज में लगा था, जिसमें विश्वभर से लगभग 70 करोड़ श्रद्धालु आए। अब ऐसे महाकुंभ की दोबारा कल्पना नहीं की जा सकती। महाकुंभ में सनातनीयों ने अपना शक्ति का प्रदर्शन भी किया। अर्थव्यवस्था की बात तो स्वभाविक है ही कि इससे प्रदेश अर्थव्यवस्था को गति मिली है। इसमें प्रयागराज, अयोध्या व काशी का विशेष रूप से योगदान है।
 
उन्होंने कहा रामलला जबसे अपने गर्भगृह में प्रविष्ट हुए हैं, उससे ऐसा लगता है कि अयोध्या का स्वर्णिम समय शुरू हो गया है। पूर्व में जो अकाल की स्थिति थी अब वह तेजी से बदल रही है। आने वाले पांच वर्षों में अयोध्या विश्व पटल पर पर्यटन के नक्शे में प्रमुख स्थान लेगा। अयोध्या पुरी है, वैकुंठ धाम है। करोड़ों श्रद्धालुओं के आने से अयोध्या के आर्थिक विकास को गति हुई। प्रमुख मठ-मंदिरों में काफी दान आया। महाकुंभ के दौरान लगभग डेढ़ से दो लाख बेरोजगारों को रोजगार भी मिला, जिन्होंने जमकर कमाई की। इस महाकुंभ में अयोध्या भिखारियों से मुक्त हो गयी है क्योंकि जो भिखारी भीख मांगते थे, वे अब अयोध्या आए श्रद्धालुओं को भगवान के नाम का चंदन-टीका लगाकर, माला-फूल इत्यादि बेच रहे हैं। 
 
करीब 13000 करोड़ की आमदनी : अर्थशास्त्री डॉ. जया सिंह ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में विश्व भर से आए 67 करोड़ श्रद्धालुओं में से मेरे अनुमान के अनुसार 25 से 30 प्रतिशत श्रद्धालु अयोध्या आए जो कि आंकड़े मे देखें तो 13 करोड़ से अधिक लोग अयोध्या आए। उन्होंने कहा कि एक मोटे तौर पर अगर कम से कम अगर देखा जाए कि एक व्यक्ति ने यदि एक हजार रुपए खर्च किया तो उसके अनुसार 46 दिनों में 13 हजार करोड़ रुपए की आमदनी हुए। वहीं, प्राइवेट एजेंसीज के सर्वें पर नजर डालें तो देखेंगे कि कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के मुताबिक महाकुंभ के चलते होटल उद्योग ने ही करीब 40 हजार करोड़ रुपए का कारोबार किया है, जिसमें प्रमुख रूप से प्रयागराज, अयोध्या व काशी जनपद हैं। इसी एजेंसी के अनुसार ही रिपोर्ट आई कि महाकुंभ 2025 के आयोजन में 60 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आए जिसके चलते तीन लाख करोड़ से अधिक का प्रदेश को आर्थिक लाभ हुआ।
webdunia
एक रिपोर्ट के अनुसार महाकुम्भ के दौरान श्रद्धालुओं द्वारा बैंकों से भारी मात्रा में नकदी निकाली गई। इससे बजार में धन का प्रवाह काफी बढ़ा। SBI की रिपोर्ट के मुताबिक बैंकों के पास लोन देने के लिए पर्याप्त फंड नहीं बचा है, जिसके लिए RBI ने विशेष कदम उठाए हैं। वहीं मीडिया रिपोर्ट्‍स देखें तो उनके अनुसार प्रयागराज महाकुम्भ के समापन के बाद आर्थिक विश्लेषण के अनुसार प्रदेश की योगी सरकार ने महाकुम्भ के लिए 7500 करोड रुपए खर्च और महाकुंभ प्रयागराज के ही 8000 से अधिक दुकानों को एलाट किया गया, जिससे कमाई हुई 44.98 करोड़ की। साथ ही सरकार ने टैक्स व किराए से 25 हजार करोड़ क़ी इनकम की, खाने-पीने के सामानों की बिक्री से इनकम हुई 20 हजार करोड़, ट्रेवलर को 10 हजार करोड़ की कमाई हुई, वहीं पूजा का सामान बिक्री से आए 20 हजार करोड़, होटल व्यवसाय से आए 40 हजार करोड़। इसी के अनुरूप अयोध्या व काशी का आंकलन भी किया जा सकता है। 
Edited by: Vrijendra Singh jhala 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

LIVE: PM मोदी मॉरीशस के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित, पहले भारतीय बने