कोलकाता। उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से हो सकता है कुछ शुरुआती दिक्कतें हुई हों पर यह देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव लाएगी।
नायडू ने यहां चिकित्सकों के 11वें वैश्विक सम्मेलन के समापन सत्र में कहा कि जीएसटी से कर प्रणाली में सुधार होगा और इसका फायदा अंतत: देश के लोगों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि जैसा कि विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है, जीएसटी कायाकल्प करने वाली क्रांतिकारी कर प्रणाली साबित होने जा रही है और यह भारत की अर्थव्यवस्था का स्वरूप बदलेगी। तंत्र में कोई भी सुधार अंतत: लोगों के फायदे में ही होता है।
उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति होने के नाते वह नोटबंदी या जीएसटी जैसे मुद्दों की चर्चा नहीं करेंगे लेकिन यदि कोई यह तर्क कर देता है कि नोटबंदी के बाद सारे नोट बैंक में वापस आ गए हैं तो यह विचार किया जाना चाहिए कि क्या यह इन नोटों के किसी के शौचालय या तकिये के नीचे पड़े रहने से बेहतर नहीं है?
उन्होंने कहा कि भारत नई आर्थिक वृद्धि की दहलीज पर है और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सुधार, प्रदर्शन व बदलाव’ के सपने के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि देश की 65 फीसदी आबादी 30 साल से कम आय की है। ऐसे में देश को तरक्की की राह पर ले जाने के लिए नए विचारों की जरूरत है।
उपराष्ट्रपति के रूप में अपनी नई भूमिका के बारे में नायडू ने कहा कि दो महीने पहले मैं मंत्री था, अब मैं राजनीति से दूर हो चुका हूं पर सार्वजनिक जीवन से दूर नहीं हुआ हूं। उन्होंने कहा कि यह जरूर है कि मैं अब विषयों पर उस तरह से नहीं बोल सकता जिस तरह मैं मंत्री के रूप में बोला करता था। (भाषा)