नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के शीर्ष उद्योगपतियों के साथ अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा की। बैठक में अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन तथा रोजगार सृजन के उपायों पर भी विचार विमर्श हुआ। आम बजट से पहले पहले हुई यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी, टाटा समूह के संरक्षक रतन टाटा, दूरसंचार क्षेत्र के दिग्गज सुनील मित्तल, अरबपति उद्योगपति गौतम अडाणी, महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा और खनन क्षेत्र के दिग्गज उद्योगपति अनिल अग्रवाल इस बैठक में मौजूद थे।
बैठक की जो तस्वीर जारी की गई उसके अनुसार इसमें टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन, टीवीएस के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन, एलएंडटी के प्रमुख ए एम नाईक भी उपस्थित थे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अपना दूसरा आम बजट पेश करेंगी जिसमें देश की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार को फिर से पटरी पर लाने की बड़ी चुनौती होगी।
चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 4.5 प्रतिशत पर आ गई है जो इसका छह साल का निचला स्तर है।
मोदी सरकार ने सितंबर, 2019 में सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कुछ उपायों की घोषणा की थी। इसके तहत कॉरपोरेट कर की दर को 30 से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया गया। इसके अलावा सरकार ने नई विनिर्माण कंपनियों के लिए कंपनी कर की दर को घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया। प्रधानमंत्री पिछले कुछ सप्ताह के दौरान कई उद्योगपतियों के साथ बैठकें कर चुके हैं।
पूर्व की बैठकों में मोदी ने कोटक महिंद्रा बैंक के सीईओ उदय कोटक, भारतीय स्टेट बैंक के प्रमुख रजनीश कुमार, एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक आदित्य पुरी, आईटी उद्योग के दिग्गज टीवी मोहनदास पई, पूर्व वित्त सचिव हसमुख अधिया, टेक महिंद्रा के सीईओ सी पी गुरनानी, इंटेल इंडिया के महाप्रबंधक निवृति राय और टीसीएस के मुख्य कार्यकारी राजेश गोपीनाथ के साथ विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया।
प्रधानमंत्री अब तक 60 से अधिक उद्यमियों और कारोबारियों के साथ बैठकें कर चुके हैं। उन्होंने एफएमसीजी, वित्त, अक्षय ऊर्जा, हीरा कारोबारी, खुदरा क्षेत्र, कपड़ा, एमएसएमई, प्रौद्योगिकी और स्टार्टअप से जुड़े उद्यमियों के साथ विचार विमर्श किया।