नई दिल्ली। कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 महामारी और वैश्विक स्तर पर अड़चनों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था अगले 12 माह के दौरान रफ्तार पकड़ेगी। पीडब्ल्यूसी के वार्षिक वैश्विक सीईओ सर्वे में यह निष्कर्ष निकाला गया है।
इस सर्वे में दुनिया के 89 देशों के 4,446 मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के विचार लिए गए। इनमें से 77 सीईओ भारत से हैं। यह सर्वे अक्टूबर-नवंबर 2021 के दौरान किया गया। सोमवार को जारी इस सर्वे के अनुसार, कई तरह की अड़चनों, विशेषकर महामारी की वजह से आने वाली बाधाओं के बावजूद भारतीय मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आगामी वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत वृद्धि को लेकर आशान्वित हैं।
सर्वे में शामिल 99 प्रतिशत भारतीय सीईओ का मानना है कि अगले 12 महीनों में आर्थिक वृद्धि दर में सुधार होगा। वहीं 94 प्रतिशत भारतीय मुख्य कार्यकारी मानते हैं कि अगले एक साल में वैश्विक वृद्धि दर भी सुधरेगी। वहीं ऐसा मानने वाले वैश्विक मुख्य कार्यकारियों की संख्या 77 प्रतिशत है।
जहां तक अपनी संबंधित कंपनियों की आमदनी का सवाल है तो 98 प्रतिशत सीईओ ने इसमें वृद्धि की उम्मीद जताई। सर्वे में शामिल वैश्विक सीईओ आर्थिक वृद्धि को लेकर पिछले साल जितने ही आशान्वित हैं, लेकिन वृद्धि को लेकर भारतीय मुख्य कार्यकारी अधिकारियों का भरोसा बढ़ा है। वर्ष 2022 में आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं को लेकर 94 प्रतिशत भारतीय सीईओ आशान्वित हैं। वहीं पिछले साल ऐसा कहने वाले सीईओ की संख्या 88 प्रतिशत थी।
पीडब्ल्यूसी की भारतीय इकाई के चेयरमैन संजीव कृष्णन ने कहा कि कोरोनावायरस के नए स्वरूप ओमिक्रॉन ने चीजों को कुछ प्रभावित किया है और मुख्य कार्यकारी फिलहाल अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हालांकि उनका भरोसा और आशावाद भारतीय कंपनियों की जुझारू क्षमता को दर्शाता है।(भाषा)