नई दिल्ली। सुकेश चंद्रशेखर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया। सुकेश पर AIADMK को चुनाव चिह्न दिलाने के मामले में चुनाव अधिकारियों को रिश्वत की पेशकश करने का आरोप है। सुकेश मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहले से ही जेल में बंद है।
चंद्रशेखर को अप्रैल 2017 में दिल्ली पुलिस ने तमिलनाडु की आरके नगर विधानसभा उपचुनाव के दौरान वीके शशिकला गुट के लिए अन्नाद्रमुक के 'दो पत्ते' का चुनाव चिह्न हासिल करने के लिए चुनाव आयोग के अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए दिनाकरण से पैसे लेने के आरोप में एक पांच सितारा होटल से गिरफ्तार किया था।
चुनाव चिह्न के लिए चुनाव आयोग के अधिकारियों को रिश्वत देने का प्रयास करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने दिनाकरन को भी गिरफ्तार किया था।
चुनाव आयोग ने अन्नाद्रमुक के चुनाव चिन्ह पर उस समय रोक लगा दी थी जब पार्टी ने दो धड़ों ने इस चुनाव चिन्ह पर दावा किया था। इनमें से एक गुट का नेतृत्व दिनाकरन की चाची शशिकला तो दूसरे गुट का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम कर रहे थे।
जेल से ही महिला को लगाया था 200 करोड़ का चूना : सुकेश चंद्रशेखर ने जेल में रहते हुए एक अरबपति की पत्नी से 200 करोड़ की उगाही करने वाली इस पटकथा को इतनी सफाई से अंजाम दिया कि इसकी भनक न तो अरबपति की पत्नी को लगी और न ही जेल प्रशासन को।
घटना कुछ इस प्रकार से है कि मनी लॉड्रिंग केस में पूर्व अरबपति शिविंदर सिंह जेल में बंद है। उसकी पत्नी अदिति सिंह जमानत पाने के लिए चंद्रशेखर से फोन पर घंटों बात करती है। उसे लगता है कि वह देश के गृह सचिव या किसी वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से बात कर रही है। वह गृहमंत्री से मिलने के लिए भी पूछती है और उसे इसका भरोसा भी दिया जाता है।
सबसे हैरानी वाली बात तो ये है कि वह बिना कुछ काम किए करोड़ों रुपए भी देने को राजी हो जाती है। अरबपति की पत्नी को यह पता लगाने में कई माह लग जाते हैं कि उसकी बातचीत जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर से हुई और उसके साथ करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से जुलाई में इस महिला की बातचीत को रिकॉर्ड करना शुरू किया। बाद में महिला ने इन चैट्स को ईडी को सौंपा। ईडी के निर्देश पर 200 करोड़ रुपए की जबरन वसूली और धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया।