नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आबकारी नीति में अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले में दिल्ली के मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सत्येंद्र जैन से शुक्रवार को तिहाड़ जेल में पूछताछ की। ईडी ने पूछताछ की अनुमति के लिए एक स्थानीय अदालत का रुख किया था। ईडी ने शुक्रवार को इस मामले में नए सिरे से छापेमारी भी की और आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु जैसे राज्यों और दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 40 स्थानों की तलाशी ली।
आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। अब यह आबकारी नीति वापस ली जा चुकी है। एजेंसी के अधिकारियों ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के अनुसार जैन का बयान दर्ज किया। ईडी ने पूछताछ की अनुमति के लिए एक स्थानीय अदालत का रुख किया था। अदालत ने जांच एजेंसी को 16, 22 और 23 सितंबर को पूछताछ की अनुमति दी।
ईडी ने जैन को हवाला सौदे से जुड़े एक अन्य आपराधिक मामले में 30 मई को गिरफ्तार किया था। ईडी द्वारा हिरासत में लिए जाने से पहले, दिल्ली सरकार में मंत्री जैन के पास स्वास्थ्य और बिजली विभाग की जिम्मेदारी थी। अभी उनके पास कोई कार्यभार नहीं है।
सूत्रों ने बताया कि एजेंसी नई आबकारी नीति को लागू करने के लिए आप नीत सरकार द्वारा दी गई कैबिनेट मंजूरी के बारे में जैन से जानना और समझना चाहती है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नीत सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को लागू की गई नीति को इस साल जुलाई में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा इसके क्रियान्वयन की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की सिफारिश के बाद रद्द कर दिया था।
एजेंसी ने शुक्रवार को इस मामले में नए सिरे से छापेमारी भी की और आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु जैसे राज्यों और दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 40 स्थानों की तलाशी ली। आबकारी नीति में धनशोधन का ईडी का मामला सीबीआई की प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कुछ नौकरशाहों को आरोपियों के रूप में नामजद किया गया है।
सीबीआई ने इस मामले में 19 अगस्त को सिसोदिया, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी और दिल्ली के पूर्व आबकारी आयुक्त अरव गोपी कृष्ण के दिल्ली आवासों और सात राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के 19 अन्य स्थानों पर छापेमारी की थी।
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार में सिसोदिया के पास शिक्षा और उत्पाद शुल्क सहित कई विभाग हैं। ईडी इस बात की जांच कर रही है कि पिछले साल नवंबर में लाई गई दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को बनाने और क्रियान्वयन में कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई।(भाषा)