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सत्येन्द्र जैन की मुश्किलें बढ़ीं, करीबी के यहां ED के छापे में 2.82 करोड़ रुपए कैश के साथ मिले सोने के सिक्के

हमें फॉलो करें सत्येन्द्र जैन की मुश्किलें बढ़ीं, करीबी के यहां ED के छापे में 2.82 करोड़ रुपए कैश के साथ मिले सोने के सिक्के
, मंगलवार, 7 जून 2022 (17:56 IST)
नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन परेशानी कम होने का होने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी अपनी छापेमारी जारी रखे हुए हैं। ईडी ने सत्येन्द्र जैन के एक करीबी के घर छापा मारा है। छापे में भारी मात्रा में नकदी और सोना मिला है।

खबरों के मुताबिक ईडी को सत्येंद्र जैन और उनके एक करीबी के घर से 2.82 करोड़ रुपए नकदी मिले हैं। इसके साथ ही एक किलो से ज्यादा सोना भी मिला है, जिसमें 133 सोने के सिक्के शामिल हैं।

प्रवर्तन निदेशालय इसकी जांच जारी रखे हुए हैं। ईडी ने सोमवार को दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ कथित हवाला सौदे से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत उनके घर और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की थी। 57 वर्षीय जैन को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत 30 मई को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्हें 9 जून तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया था।

ईडी ने कहा कि सोमवार को जिन लोगों के खिलाफ छापेमारी की गई, ‘उन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर से मनी लांड्रिंग में मंत्री की सहायता की।’ जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि ‘बिना ब्योरे वाली’नकदी और सोने के सिक्कों को ‘गुप्त’ स्थान पर रखा गया था। ईडी ने सोमवार को दिल्ली और आसपास के क्षेत्र में एक ज्वैलर समेत 7  परिसरों में तलाशी अभियान चलाया था।
 
जैन वर्तमान में दिल्ली सरकार में बिना किसी विभाग के मंत्री हैं। 57 वर्षीय जैन को कथित हवाला सौदे से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में 30 मई को गिरफ्तार किया गया था। वे 9 जून तक ईडी की हिरासत में हैं।
 
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल में जैन को ‘अत्यंत ईमानदार और देशभक्त’ व्यक्ति बताते हुए उनका बचाव किया था और कहा था कि उन्हें ‘झूठे मामले में फंसाया जा रहा है।’ केजरीवाल ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि ईडी की जांच में मंत्री निर्दोष निकलेंगे।
 
एजेंसी ने कहा कि जिन लोगों पर छापेमारी की गई उनमें जैन की पत्नी पूनम जैन, उनके व्यापारिक सहयोगी अंकुश जैन और वैभव जैन, नवीन जैन और सिद्धार्थ जैन (राम प्रकाश ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक), जी एस मथारू (लाल शेर सिंह जीवन विज्ञान ट्रस्ट के अध्यक्ष, जो प्रूडेंस स्कूल समूह का संचालन करता है) योगेश कुमार जैन (राम प्रकाश ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड में निदेशक), अंकुश जैन के ससुर और लाला शेर सिंह जीवन विज्ञान ट्रस्ट शामिल हैं।
 
इसने कहा कि छापे के दौरान ‘अपराध से जुड़े दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड’ बरामद किए गए। बयान में कहा गया कि उक्त परिसरों से बिना ब्यौरे वाली 2.85 करोड़ रुपए की नकदी और 1.80 किलोग्राम वजन के 133 सोने के सिक्के पीएमएलए के तहत जब्त किए गए। ईडी ने अप्रैल में जांच के तहत जैन के परिवार और उनके ‘स्वामित्व एवं नियंत्रण’वाली कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की थी।
 
ईडी ने तब एक बयान में कहा था कि उसने पीएमएलए के तहत ‘‘अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफोसोल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, वैभव जैन की पत्नी स्वाति जैन, अजित प्रसाद जैन की पत्नी सुशीला जैन और सुनील जैन की पत्नी इंदु जैन से संबंधित 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क करने के लिए एक अस्थायी आदेश जारी किया था।
 
जांच में पाया गया कि 2015 और 2016 के दौरान जब सत्येंद्र कुमार जैन एक लोक सेवक थे, तब उनके स्वामित्व और नियंत्रण वाली कंपनियों को कोलकाता के एंट्री ऑपरेटर को हवाला के जरिए भेजी गई रकम के बदले मुखौटा कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपये मूल्य की प्रविष्टियां मिलीं।’
 
ईडी ने कहा कि इन राशियों का उपयोग जमीन की सीधी खरीद या दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि की खरीद को लेकर लिये गए ऋण की अदायगी में किया गया था।’’ अधिकारियों ने कहा कि कुर्की आदेश में नामित व्यक्ति जैन के सहयोगी और परिवार के सदस्य हैं।
 
आम आदमी पार्टी (आप) के मंत्री के खिलाफ धन शोधन का मामला अगस्त 2017 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनके और अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में दर्ज प्राथमिकी के बाद आया है।
 
सीबीआई ने दिसंबर 2018 में एक आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि 2015-17 के दौरान कथित आय से अधिक संपत्ति का मूल्य 1.47 करोड़ रुपये था, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से लगभग 217 प्रतिशत अधिक था। आयकर विभाग ने भी इन लेन-देन की जांच की थी और कथित रूप से जैन से जुड़ी ‘‘बेनामी संपत्ति’’ को कुर्क करने का आदेश जारी किया था। (इनपुट भाषा)

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