पहले कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 महामारी की मार और अब रूस-यूक्रेन के बीच लड़ाई के चलते देशभर के बाजारों में खाद्य तेलों के दामों में भारी उछाल देखा जा रहा है। खासतौर पर रिफाइंड और सूरजमुखी तेल के दामों में बीते 15 दिन के भीतर ही करीब 30 फीसदी तक बढ़ोतरी देखी गई है। क्योंकि रूस और यूक्रेन सूरजमुखी तेल के सबसे बड़े उत्पादक हैं।
खबरों के अनुसार, रूस-यूक्रेन में लड़ाई के चलते दुनियाभर में क्रूड आयल के दामों में 30 फीसदी का उछाल आया है। जिससे देशभर के बाजारों में खाद्य तेलों के दामों में भारी उछाल देखा जा रहा है। हालांकि सरसों के तेल के दाम पर अभी इसका असर नहीं पड़ा है, लेकिन आने वाले समय में इस पर असर दिखेगा।
खासतौर पर रिफाइंड और सूरजमुखी तेल के दामों में बीते 15 दिन के भीतर ही करीब 30 फीसदी तक बढ़ोतरी दर्ज की गई है।इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि रूस और यूक्रेन सूरजमुखी तेल के सबसे बड़े उत्पादक हैं।
15 दिन पहले रिफाइंड जहां 140 रुपए लीटर था वह अब बढ़कर 165 रुपए लीटर हो गया है। वहीं सूरजमुखी तेल पहले 140 रुपए था, जो अब 170 रुपए हो गया है।
20 फीसदी खाने का तेल यूक्रेन से आता है, इसलिए सरसों का तेल महंगा हुआ, लेकिन सरकार ने इम्पोर्ट कॉस्ट कम की थी, जिससे दाम नीचे आए थे, लेकिन अभी जो मामला यूक्रेन और रूस के बीच चल रहा है, उससे सप्लाई बाधित हुई है।