भारतीय ज्ञान परंपरा की संवाहक हैं शिक्षा बोर्ड की पाठ्यपुस्तकें : प्रो. रामदरश मिश्र
प्रो. रामदरश मिश्र को ‘पतंजलि शिक्षा गौरव सम्मान’
नई दिल्ली। साहित्य अकादमी के रवीन्द्र भवन के सभागार में आयोजित भारतीय शिक्षा बोर्ड की हिंदी की पाठ्यपुस्तकों के विमोचन एवं पतंजलि योगपीठ (ट्रस्ट) और भारतीय शिक्षा बोर्ड के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित सम्मान समारोह में युग पुरुष प्रो. रामदरश मिश्र को पतंजलि शिक्षा गौरव सम्मान प्रदान किया गया।
समारोह में उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुए बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. एन. पी. सिंह ने कहा कि प्रो. रामदरश मिश्र को सम्मानित कर पतंजलि योगपीठ एवं भारतीय शिक्षा बोर्ड स्वयं को सम्मानित कर रहा है। हम सौभाग्यशाली हैं जो ऐसे युग नायक को देख-सुन रहे हैं और जिनके मार्गदर्शन में बोर्ड की हिंदी की पाठ्यपुस्तकें मूर्त रूप ले रही हैं।
कविताओं से सुरम्य हुआ आयोजन : प्रो. राम दरश मिश्र ने इस अवसर पर अपनी कुछ कविताओं का पाठ किया और कहा कि उनके दीर्घायु होने का रहस्य उनकी महत्वाकांक्षों से मुक्त जीवन शैली है। सम्मान समारोह के उपरांत भारतीय शिक्षा बोर्ड की हिंदी की पाठ्यपुस्तकों की कक्षा-1 से आठ तक की श्रृंखला का विमोचन सम्मानित सलाहकार मंडल एवं पाठ्यपुस्तक निर्माण समिति के करकमलों से हुआ।
इनकी उपस्थिति से बढ़ा आयोजन का मान : इस गौरवमयी बेला के साक्षी सुप्रसिद्ध साहित्यकार, पत्रकार, संपादक, शिक्षाविदों का समूह रहा। बोर्ड के सलाहकार मंडल के सदस्य क्रमशः प्रो. प्रमोद दुबे, डॉ. क्षमा शर्मा, श्री सूर्यनाथ सिंह, डॉ. ओम निश्चल, कमलेश कमल, प्रो. स्मिता मिश्र, प्रो. रवि शर्मा, डॉ. अर्चना त्रिपाठी और पाठ्य पुस्तक निर्माण समिति के सदस्य सुश्री सुधा शर्मा, श्री देवेश चौबे, श्री मिथिलेश शुक्ला, डॉ. सुधांशु कुमार, डॉ. विजयालक्ष्मी पाडेण्य, डॉ. नारायण दत्त मिश्र, श्रीमती पिंकी उपाध्याय, ज़ेबी अहमद, डॉ. प्रदीप ठाकुर, डॉ. केशव मोहन पाण्डेय, श्रीमती इंदुमती मिश्रा, अनुराग पाण्डेय, मंच पर उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन पाठ्यपुस्तकों की समन्वयक डॉ. सोनी पाण्डेय ने किया।
भारतीय शिक्षा पद्धति की संवाहक हैं किताबें : पाठ्यपुस्तकों के सलाहकार संपादक प्रो. प्रमोद कुमार दुबे एवं डॉ. ओम निश्चल ने पाठ्यपुस्तकों की विशेषता क्रमवार बताते हुए उपस्थित समूह से अनुरोध किया कि पाठ्यपुस्तकों का अवलोकन कर भावी पीढ़ी के विकासक्रम का उन्हें वाहक बनाएं, क्योंकि यह न केवल, भारतीय शिक्षा पद्धति की संवाहक हैं बल्कि स्वंय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की ज्ञान गंगा का सम्मिलन करने वाली भारतीय ज्ञान परंपरा की समर्थ थाती हैं। पतंजलि योग पीठ ट्रस्ट की प्रतिनिधि, पतंजलि विश्वविद्यालय की पूज्य डीन साध्वी देवप्रिया जी ने अपने वक्तव्य में सभी को इस श्रमसाध्य कार्य को पूर्ण करने हेतु शुभकामानाएं दीं और साथ ही स्वयं को इस पावन क्षण का साक्षी मानते हुए सौभाग्यशाली बताया।
अंत में संस्था के सचिव श्री राजेश प्रताप सिंह जी ने सम्मानित सभागार एवं समृद्ध मंच के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह भारतीय शिक्षा बोर्ड की पाठ्यपुस्तकों के विमोचन का आगाज़ है जो अब क्रमवार चलता रहेगा। उन्होंने उपस्थित जन समूह को अवगत कराते हुए कहा कि बोर्ड की कक्षा1 से 8वीं तक की पाठ्यपुस्तकों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसे बोर्ड राष्ट्र के नवनिहालों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर राम दरश मिश्र के परिजन, विद्यार्थीं तथा साहित्य अकादमी के उप सचिव डॉ. कुमार अनुपम, राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत्यकाम, दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की महिला पतंजलि योग समिति की प्रभारी सुश्री सविता तिवारी, डॉ अमरेंद्र पाण्डेय, डॉ. वेद मिश्र शुक्ल, राज्य प्रभारी, भारत स्वाभिमान डॉ. परमिन्दर सिंह गुलिया, मानस मिश्रा, राघवेंन्द्र सिंह के साथ-साथ दिल्ली एन.सी.आर के शिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
Edited By : Navin Rangiyal