नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने एक संसदीय समिति को सूचित किया है कि प्रौद्योगिकी आधारित 'रिमोट वोटिंग' मतदान पद्धति को शुरू करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए राजनीतिक सहमति जरूरी है। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने संसदीय समिति को यह भी बताया कि आयोग ने शुरू में 'ब्लॉकचैन आधारित इंटरनेट वोटिंग' के लिए प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के साथ विकल्पों का पता लगाया था। आयोग के शीर्ष अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी नेता सुशील मोदी की अध्यक्षता वाली कानून और कार्मिक संबंधी स्थाई संसदीय समिति के समक्ष पावर प्वाइंट प्रस्तुतीकरण दिया।
सूत्रों ने कहा कि उन्होंने समिति को यह भी बताया कि दुनियाभर में रिमोट वोटिंग (दूरस्थ मतदान) ज्यादातर मतपत्रों से होती है और इंटरनेट वोटिंग पर केवल असाधारण मामलों में ही विचार किया जाता है।
सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों ने यह भी सुझाव दिया कि रिमोट वोटिंग की शुरुआत के लिए मतदाता सूची से संबंधित प्रावधानों, मतदान केंद्र, क्षेत्रीय अवधारणा, चुनाव संचालन, मतगणना और चुनावी अपराधों में कानूनी बदलाव की आवश्यकता हो सकती है।(भाषा)