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Elvis yadav case: नशे के लिए सांप और सांप के जहर की तस्करी का आरोप झेल रहे एल्विस यादव का कहीं कोई अता- पता नहीं है। पुलिस उनकी तलाश में तीन राज्यों में सर्च ऑपरेशन चला रही है, लेकिन एल्विस गायब हैं।
बता दें कि एल्विस यादव यूट्यूबर हैं और बिगबॉस ओटीटी-2 के विजेता रह चुके हैं। एल्विश की तलाश में नोएडा पुलिस तीन राज्यों में सर्च ऑपरेशन चला रही है, मगर अब तक उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।
दरअसल, एल्विश यादव के खिलाफ नोएडा में केस दर्ज हुआ है।
एल्विस यादव पर कोबरा समेत कई जहरीले सांपों के जहर से नशा कराने वाली पार्टी आयोजित कराने का आरोप है। इतना ही नहीं उन पर सांपों को सप्लाई का भी आरोप है। आरोप है कि एल्विस ने रेव पार्टी में विदेशी लड़कियों और सापों के जहर का इंतजाम किया था। हालांकि, पुलिस ने रेड मारकर इस रेव पार्टी का खुलासा कर दिया है और एफआईआर में एल्विस यादव का भी नाम है।
क्या आरोप है एल्विस पर : एल्विस यादव के खिलाफ पुलिस ने गैर कानूनी तरीके से रेव पार्टी आयोजित करने और उसमें सांप के जहर के कथित इस्तेमाल को लेकर मामला दर्ज किया है। इस मामले में पांच अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है लेकिन एल्विस फरार है। एफआईआर दर्ज होने के बाद भी उनका अभी तक पता नहीं चल पाया है। हालांकि, मुंबई के अंधेरी वेस्ट स्थित होटल एंप्रेसा में एल्विस की आखिरी लोकेशन का पता चला है। बताया गया कि अपने नए शो की शूटिंग करके एल्विस यादव अलीबाग से मुंबई आए और इसी होटल में पनाह ली। कहा गया कि एल्विस दिल्ली के लिए निकले हैं, लेकिन उन्हे मुंबई एयरपोर्ट पर भी स्पॉट नहीं किया जा सका है। वह अपने गुरुग्राम स्थित घर पर भी नहीं है। गुरुग्राम स्थित घर पर एल्विस के माता-पिता भी नहीं हैं।
किसने लगाए आरोप : बता दें कि एल्विश यादव पर यह आरोप पीपल फॉर एनिमल संस्था (पेटा) के गौरव गुप्ता ने लगाए हैं। इस मामले में पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने खुद को यूट्यूबर एल्विश यादव से जुड़े होने की बात कुबूली है। पुलिस को उसके पास से कोबरा समेत अलग-अलग प्रजाति के 9 सांप और सांपों का जहर मिला है।
क्या खास है सांप के नशे में : रिपोर्ट के मुताबिक सांप के जहर में ऐसे केमिकल होते हैं जो खास तरह की खुशी और मजा देते हैं। शरीर एनर्जी से भर जाता है। इसका नशा कई घंटों बाद भी बना रहता है। कई खबरों में दावा किया गया है कि सांप के जहर की कुछ बूंदों को अल्कोहल में मिलाकर लिया जाता है। इसका इस्तेमाल खासतौर से रेव पार्टियों में किया जा रहा है। इस तरह के ड्रग का इस्तेमाल सीधेतौर पर मौत का खतरा बढ़ाता है। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह के ड्रग का इस्तेमाल मौत की वजह बनता है। 15 से 64 की दुनिया की 5.5 फीसदी (27 करोड़) आबादी ने पिछले साल ऐसे सायकोएक्टिव ड्रग का इस्तेमाल किया। इसमें सालाना 5 लाख लोगों की मौत हो गई। जिसमें 3,50,000 पुरुष और 1,50,000 महिलाएं थीं।
Edited by navin rangiyal