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PF के बाद आमजन से जुड़ी इन योजनाओं पर झटका दे सकती है केंद्र सरकार

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , शनिवार, 1 मार्च 2025 (18:59 IST)
EPFO news in hindi : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ (EPFO) के ब्याज दर को लेकर सरकार ने कोई बदलाव नहीं किया है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए एम्प्लाई प्रॉविडेंट फंड (EPF) जमा पर ब्याज दरें 8.25 प्रतिशत पर बरकरार रहेंगी। कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार पीएफ दर में बढ़ोतरी कर कर्मचारियों को तोहफा दे सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 
अब खबरें हैं कि जनता को एक और बड़ा झटका लगता है। केंद्र सरकार छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर को लेकर भी कोई बड़ा बदलाव नहीं करने वाली है। अगली तिमाही के लिए सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF)  और सुकन्या समृद्धि जैसी छोटी बचत योजनाओं पर फैसला होना है। यह फैसला 31 मार्च से पहले हो जाएगा। 
मीडिया में खबरें हैं कि सरकार छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर में कटौती कर सकती है। सुकन्या समृद्धि पर 8.2 प्रतिशत और पीपीएफ के अलावा डाकघर बचत जमा योजनाओं की ब्याज दरें क्रमश: 7.1 प्रतिशत और चार प्रतिशत पर बरकरार रखी गई हैं। इन छोटी योजनाओं में कई पर आयकर में छूट भी मिलती है। 
बीमा लाभ बढ़ाने पर निर्णय : ब्याज दर पर निर्णय शुक्रवार को यहां केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की 237वीं बैठक में लिया गया। मंत्रालय ने कहा कि कई अन्य निश्चित आय साधनों की तुलना में, कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) अपेक्षाकृत उच्च और स्थिर रिटर्न प्रदान करता है, जिससे बचत में निरंतर वृद्धि सुनिश्चित होती है।
मांडविया की अध्यक्षता में सीबीटी ने कर्मचारी जमा संबद्ध बीमा (EDLI) योजना के तहत बीमा लाभ बढ़ाने सहित कई निर्णय लिए। मंत्रालय ने कहा कि सीबीटी ने सेवा के एक वर्ष के भीतर मृत्यु के लिए न्यूनतम लाभ की शुरुआत को मंजूरी दी। मंत्रालय ने बताया कि ऐसे मामलों में जहां ईपीएफ सदस्य की एक वर्ष की निरंतर सेवा पूरी किए बिना मृत्यु हो जाती है, 50,000 रुपए का न्यूनतम जीवन बीमा लाभ प्रदान किया जाएगा।
कर्मचारियों के हित में एक और फैसला : सीबीटी ने योजना के तहत सेवा निरंतरता पर विचार करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। इससे पहले, दो प्रतिष्ठानों में रोजगार के बीच एक या दो दिन का अंतराल (जैसे सप्ताहांत या छुट्टियां) होने पर न्यूनतम 2.5 लाख रुपए और अधिकतम सात लाख रुपए के ईडीएलआई लाभ से इनकार कर दिया जाता था, क्योंकि एक वर्ष की निरंतर सेवा की शर्त पूरी नहीं होती थी। नए संशोधनों के तहत, अब दो रोजगार अवधियों के बीच दो महीने तक के अंतराल को निरंतर सेवा माना जाएगा, जिससे ईडीएलआई लाभ के लिए पात्रता सुनिश्चित होगी। Edited by : Sudhir Sharma

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