मुंबई। देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सेवा निर्यात कंपनी टीसीएस ने गुरुवार को कहा कि वह अपने 4.5 लाख कर्मचारियों में से किसी को भी नहीं निकालेगी। हालांकि कंपनी ने इस साल वेतन में कोई भी बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला किया है।
टाटा समूह की कंपनी ने यह भी कहा कि वह नई नियुक्तियो को लेकर जो प्रतिबद्धता जताई है, उसे पूरा करेगी और जिन 40,000 लोगों को नियुक्ति पत्र दिया गया है, उसे नौकरी देगी। वह अन्य कंपनियों की तरह नहीं करेगी जिन्होंने कथित रूप से नौकरी पेशकश पर फिर से विचार करने की बात कही है।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का एकीकृत शुद्ध लाभ मार्च 2020 को समाप्त तिमाही में मामूली रूप से घटकर 8,049 करोड़ रुपए रहा, वहीं पूरे वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी का शुद्ध लाभ 2.7 प्रतिशत बढ़कर 32,340 करोड़ रुपए रहा जबकि आय 7.1 प्रतिशत बढ़कर 1,56,949 करोड़ रुपए रही। हालांकि कंपनी ने संकेत दिया कि कोरोना वायरस संकट के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली दो तिमाही काफी कठिन होगी और आय कम होने की आशंका है।
टीसीएस के प्रबंध निदेशक और सीईओ राजेश गोपीनाथ ने टेली कॉन्फ्रेंस के जरिए कहा कि हमने जो भी पेशकश की है, उसका सम्मान होगा। हम कोई छंटनी नहीं करेंगे। कंपनी के मानव संसाधन विभाग के प्रमुख मिलिंद लक्कड़ ने कहा कि टीसीएस ने 40,000 को नौकरी की पेशकश की है और उन सभी को लिया जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि इस साल वेतन में कोई वृद्धि नहीं की जाएगी।
लक्क्ड़ ने कहा कि हमने इस साल कर्मचारियों के वेतन नहीं बढ़ाने का निर्णय किया है। गोपीनाथ ने कहा कि कंपनी छोड़कर जाने वालों का प्रतिशत 12.1 प्रतिशत है, जो उद्योग में बेहतर है। (भाषा)