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12 घंटे हेमंत सोरेन के घर डेरा डाले रही ED की टीम, BMW गाड़ी और ड्राइवर भी ले गई साथ

लापता हुए झारखंड सीएम

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली/रांची , सोमवार, 29 जनवरी 2024 (23:17 IST)
सोरेन ने भाजपा पर लगाया आरोप
7 जनवरी को भी हुई थी पूछताछ
कांग्रेस ने जाहिर की राष्ट्रपति शासन की आशंका 
 
 प्रवर्तन निदेशालय (ED) का एक दल मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले की जांच के सिलसिले में सोमवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर पहुंचा और टीम 12 घंटे से अधिक समय तक वहां डेरा डाले रही। पूरे दिन की सर्च के बाद ईडी रात में बाहर निकली और कई सारे दस्तावेज भी अपने कब्जे में ले गई। इसके अलावा, हेमंत सोरेन की BMW  गाड़ी और ड्राइवर को भी साथ लेकर गई है।
 
भाजपा कर रही है साजिश : झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने बयान जारी कर कहा कि 'जब से झारखंड में आदिवासी युवा हेमंत सोरेन के कुशल नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनी है, तब से केंद्र सरकार और भाजपा सरकार गिराने की साजिश रच रही है... तमाम राजनीतिक कोशिशों के बाद अब केंद्र और भाजपा संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं।
 
सूत्रों ने दावा किया कि सोरेन ‘लापता’ हैं और जांच एजेंसी उनसे संपर्क नहीं कर पाई है। सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर राज्य सरकार के कामकाज में बाधा डालने के लिए ‘राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित’ होने का आरोप लगाया और दावा किया कि 31 जनवरी को या उससे पहले उनका बयान दोबारा दर्ज कराने की ईडी की जिद से दुर्भावना झलक रही है।
 
संघीय जांच एजेंसी को भेजे एक ईमेल में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के 48 वर्षीय कार्यकारी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि उन्हें समन जारी करना ‘‘पूरी तरह अफसोसजनक और कानून द्वारा दी गयी शक्तियों का दुरुपयोग है।’’
 
सोरेन ने रविवार को भेजे ईमेल में कहा कि अदालत को उपलब्ध कराने के लिए 20 जनवरी को मुझसे सात घंटे तक हुई पूछताछ की वीडियो रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखें।
 
रांची से दिल्ली के लिए 27 जनवरी की रात को रवाना हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेता सोरेन ने एजेंसी को एक ईमेल भेजा है जिसमें उन्होंने ईडी जांचकर्ताओं द्वारा 31 जनवरी को अपराह्न 1 बजे उनके रांची स्थित आवास पर नए दौर की पूछताछ के लिए सहमति व्यक्त की है।
 
सोरेन को ईडी की ओर से समन जारी किए जाने और दिल्ली स्थित आवास पर एजेंसी के अधिकारियों के दस्तक देने के बाद उनके ठिकाने को लेकर जारी अटकलों के बीच परिवार के एक सदस्य ने इस पूरे घटनाक्रम को सोरेन को बदनाम करने की “नियोजित” साजिश करार दिया।
 
पहचान सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर परिवार के सदस्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि सोरेन ईडी से निरंतर संपर्क कर चुके हैं और 31 जनवरी को दोपहर एक बजे अपने आवास पर बयान दर्ज कराने की इच्छा जता चुके हैं, इसके बावजूद झूठा विमर्श तैयार किया जा रहा है।
 
भाजपा की झारखंड इकाई ने सोमवार को दावा किया कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई के डर से पिछले 18 घंटे से "फरार" हैं।
 
झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन से मामले पर संज्ञान लेने का आग्रह करते हुए कहा कि झारखंड की विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा दांव पर है।
 
मरांडी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि मीडिया सूत्रों के मुताबिक, देर रात हेमंत जी चप्पल पहनकर और चादर से अपना चेहरा ढंककर दिल्ली स्थित अपने आवास से पैदल ही निकल गए। उनके साथ दिल्ली गए विशेष शाखा के सुरक्षाकर्मी अजय सिंह भी लापता हैं।” वहीं, झामुमो ने कहा कि सोरेन के खिलाफ ईडी की कार्रवाई "असंवैधानिक" है।
 
झामुमो महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कुछ निजी काम से दिल्ली गए थे और वे वापस आ जाएंगे। लेकिन, ईडी की कार्रवाई अनावश्यक और असंवैधानिक है। ऐसा लगता है कि यह कदम राजनीति से प्रेरित है।” उन्होंने दावा किया, 'सोरेन का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।'
 
झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने आरोप लगाया कि सोरेन कहां हैं, इसको लेकर एक सोची-समझी साजिश के तहत भ्रम पैदा किया जा रहा है। ठाकुर ने कहा, ‘‘यह धारणा बनाने की कोशिश की जा रही है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाएगा। लोग अफवाह फैला रहे हैं कि मुख्यमंत्री लापता हैं।” कांग्रेस झारखंड में झामुमो के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है।
 
उन्होंने कहा कि क्या वाकई ईडी मुख्यमंत्री का पता नहीं लगा पा रही है? यह और कुछ नहीं बल्कि राज्य सरकार को परेशान करने की एक साजिश है ताकि उसे कल्याणकारी कार्य करने से रोका जा सके।’’
 
संघीय जांच एजेंसी के अधिकारी दिल्ली पुलिस कर्मियों के साथ सुबह करीब नौ बजे दक्षिण दिल्ली में 5/1 शांति निकेतन भवन पहुंचे और रात करीब नौ बजे तक भी वहीं मौजूद रहे। इस दौरान कई प्रेस फोटोग्राफर, पत्रकार और कैमरा टीम बाहर खड़ी थीं।
 
ईडी अधिकारी रात करीब 8 बजे कुछ देर के लिए परिसर से बाहर निकले और बाहर खड़ी एक बीएमडब्ल्यू कार की जांच की। हालांकि, वे मीडिया के सवालों का जवाब दिए बिना वापस अंदर चले गए।
 
एक सूत्र ने कहा कि हम उनसे (सोरेन) पूछताछ करने के लिए मुख्यमंत्री के आवास पर आए लेकिन वह यहां नहीं हैं। ईडी की टीम झारखंड भवन और कुछ अन्य स्थानों पर भी गईं, लेकिन मुख्यमंत्री नहीं मिले। सूत्र ने कहा अधिकारी दिल्ली हवाई अड्डे पर भी निगरानी रख रहे हैं।
 
प्रवर्तन निदेशालय ने कथित भूमि धोखाधड़ी मामले में 20 जनवरी को सोरेन से रांची में उनके आधिकारिक आवास पर पूछताछ की थी और उन्हें इस सप्ताह पूछताछ के लिए नया समन जारी किया था। सूत्रों ने संकेत दिया कि इस नए घटनाक्रम को धनशोधन मामले की जांच से जोड़कर देखा जा सकता है।
 
सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने सोरेन को पिछले हफ्ते नया समन जारी किया था और उनसे यह बताने को कहा था कि वह पूछताछ के लिए 29 जनवरी या 31 जनवरी में से किस दिन आएंगे।
 
सूत्रों के मुताबिक, सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय को एक पत्र भेजा था, लेकिन पूछताछ के लिए तारीख और समय की पुष्टि नहीं की थी। वह 27 जनवरी को रांची से दिल्ली रवाना हुए थे।
 
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) घटनाक्रम पर जहां चुप्पी साधे रहां, वहीं, झारखंड के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा कि वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी का समन मिलने के मद्देनजर राज्य की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और वह “समय आने पर फैसला करेंगे।”
 
पत्रकारों ने राज्यपाल से पूछा कि राज्य में राजनीतिक स्थिति के मद्देनजर क्या राजभवन के लिए सभी विकल्प खुले हैं, तो उन्होंने कहा, “मैं संविधान के रक्षक के रूप में पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हूं। यह राज्यपाल का कर्तव्य है और मैं इसे निभा रहा हूं। समय आने पर फैसला लूंगा।”
 
राज्यपाल ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि फिलहाल यह “अटकल” है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को इसमें नहीं पड़ना चाहिए।
 
झारखंड की राजधानी रांची में सोमवार को मुख्यमंत्री आवास, राजभवन और केंद्र सरकार के कार्यालयों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी।
 
केंद्रीय एजेंसी ने 20 जनवरी को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मुख्यमंत्री का बयान उनके आधिकारिक आवास पर दर्ज किया था। जानकारी के मुताबिक, ताजा समन इसलिए जारी किया गया क्योंकि उस दिन पूछताछ पूरी नहीं हुई थी।
 
निदेशालय ने कहा कि यह जांच झारखंड में ‘‘माफिया द्वारा भूमि के स्वामित्व में अवैध परिवर्तन से जुड़े एक बड़े गिरोह’’ से संबंधित है।
 
ईडी ने इस मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 2011 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी छवि रंजन भी शामिल हैं। वह राज्य के समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के उपायुक्त के रूप में कार्यरत थे। इनपुट एजेंसियां Edited By : Sudhir Sharma

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