ईपीएफओ ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि अगर कोई व्यक्ति एक महीने तक बेरोजगार रहता है तो वह पीएफ का 75 प्रतिशत पैसा निकाल सकता है। यह नियम 6 दिसंबर से लागू भी हो गया है।
ईपीएफओ योजना 1952 के नए प्रावधान के तहत दो महीने तक बेरोजगार रहने की स्थिति में उपयोक्ता अपनी बची हुई 25% राशि की भी निकासी कर खाते को बंद कर सकता है।
पहले क्या था नियम : अब तक नौकरी छूटने के 2 माह बाद पूरा पैसा निकालने की छूट होती थी। लेकिन पूरा पैसा एक बार में ही निकालना होता था। इस फैसले से प्राइवेट नौकरी करने वाले लाखों को तो फायदा मिलेगा ही। साथ ही पीएफ के संशोधित नियम राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर भी लागू होंगे।
क्या होता है ईपीएफ : जब भी आप किसी ऐसी कंपनी में काम करते हैं जो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तहत रजिस्टर्ड है तो आपके वेतन का 12 फीसदी और कंपनी की तरफ से उतनी ही राशि ईपीएफओ में जमा करनी होती है। इसके लिए कंपनी आपके वेतन से हर महीने भविष्य निधि यानी पीएफ की राशि कटती है।