नई दिल्ली। राज्यसभा में बुधवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ओर से मिलने वाली पेंशन को इससे संबंधित समितियों की सिफारिशों के अनुरूप बढ़ाने की मांग की गई।
शून्यकाल में द्रमुक के तिरुचि शिवा ने कहा कि ईपीएफओ की पेंशन योजना 1995 में लागू की गई थी और तब कहा गया था कि इसकी समय-समय पर समीक्षा की जाएगी।
इस पेंशन के बारे में सिफारिशें देने के लिए कई समितियां भी गठित की गईं और न्यायालयों के भी आदेश आए हैं। उच्चतम न्यायालय ने भी पेंशन बढ़ोतरी को लेकर आदेश पारित किया है।
शिवा ने कहा कि सरकार को समितियों की सिफारिशों और न्यायालयों के आदेशानुसार ईपीएफओ से जुड़े कर्मचारियों की पेंशन में बढ़ोतरी करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार का पेंशन निधि में अंशदान मात्र 1.16 प्रतिशत है, सरकार इसे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि साढ़े 5 करोड़ कामगारों से संबद्ध यह मामला है जिसको गंभीरता से लेते हुए सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।