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Sonam Wangchuk : गलवान पर चीन को सबक सिखाने के लिए सरकार के साथ लोग भी समझें अपनी जिम्मेदारी, 'बॉयकॉट मेड इन चाइना' की मुहिम को करें तेज

बॉयकॉट मेड इन चाइना की मुहिम से घबराया चीन : सोनम वांगचुक

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विकास सिंह

, शुक्रवार, 19 जून 2020 (14:00 IST)
लद्दाख की गलवान घाटी भारत और चीन के बीच सैन्य झड़प में 20 जवानों के शहीद होने के बाद पूरे देश में चीन के खिलाफ गुस्सा और नाराजगी है। चीन को सबक सिखाने के लिए अचानक से देश में बॉयकॉट मेड इन चाइना की मुहिम तेज हो गई है। इस बीच भारतीय रेलवे ने चीन की कंपनी को दिया 471 करोड़ का ठेका भी रद्द कर दिया है।  
 
लद्दाख में भारत चीन तनाव शुरु होने के साथ बॉयकॉट मेड इन चाइना की देशव्यापी मुहिम शुरु करने वाले शिक्षाविद् सोनम वांगचुक कहते हैं कि अगर लोग पिछले दो हफ्तों में चीन के प्रोडेक्ट का बॉयकॉट सही तरीके और जोर शोर से करते तो चीन सीमा पर यह दुस्साहस करने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाता। 
 
गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद 'वेबदुनिया' को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में अविष्कारक सोनम वांगचुक कहते हैं कि सीमा पर चीन की इस कायराना हरकत को लेकर लद्दाख के स्थानीय लोगों में बेहद गुस्सा और नाराजगी है, लोग सीमा पर सैनिकों के शहीद होने से सदमे में है। वह कहते हैं कि अब जब सीमा (LAC) पर हिंसक झड़प होने लगी है तो शायद देश के लोग अपनी जिम्मेदारी भी समझेंगे और अब चीन को करारा जवाब देने के लिए सिर्फ सेना पर  छोड़ देने से काम नहीं चलेगा। 
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वेबदुनिया से बातचीत में बॉयकॉट मेड इन चाइना की मुहिम शुरु करने वाले सोनम वांगचुक कहते हैं कि चीन को जवाब देने के लिए हमें केवल सरकार पर नहीं निर्भर रहकर, नागरिक स्तर पर जो कुछ हो सकता है वह करना चाहिए और उससे ज्यादा खतरनाक चीन के लिए कुछ भी नहीं है। 
 
सोनम वांगचुक कहते हैं कि इसको समझना होगा कि चीन को जवाब देने के लिए जरूरी यह नहीं है कि सरकार करें, ज्यादा जरूरी हैं कि जनता करें।  सरकार के स्तर पर चैनल खुले भी रहे तो ज्यादा अच्छा है जिससे चीन को भी सुधरने का मौका मिल सके, अगर सब कुछ कट जाएगा और चैनल बंद हो जाते है तो तनाव और बढ़ सकता है। 
 
चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स में बॉयकॉट मेड इन चाइना की मुहिम और खुद का विरोध होने पर सोनम वांगचुक कहते हैं कि ग्लोबल टाइम्स के हर लेख और कॉर्टून में यह दिख रहा है कि हमारी दवा का असर हो रहा है, अगर ग्लोबल टाइम्स यह कह रहा है कि  आप चीनी सामान का बॉयकॉट कर ही नहीं सकते है और इससे चीन का कुछ नहीं होगा,  तो इसका मतलब है कि उन पर असर हो रहा है और हमको इसको और तेजी से करना चाहिए। 
 
ग्लोबल टाइम्स ने अपने हाल के ही कॉर्टून में बॉर्डर पर हुई दुर्घटना को खरीददारी से नहीं जोड़ने को कहा हैं इसका मतलब हैं कि उनको यह डर है कि हम कहीं अपने वॉलेट से जवाब नहीं दे दें। सोनम वांगचुक कहते हैं बॉयकॉट मेड इन चाइना का आंदोलन नागरिकों को आंदोलन है और लोगों को आगे बढ़कर अपनी जिम्मेदरी निभानी चाहिए। 
 
 
 

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