Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

एक्सप्लेनर:12 महीने की ऊंचाई पर महंगाई,11 महीने में पेट्रोल-डीजल 20,10 महीने में रसोई गैस 200 और खाद्य तेल 40-50 रु लीटर हुआ महंगा

कोरोनाकाल में आम आदमी की कमाई आधी लेकिन महंगाई हुए दोगुनी !

Advertiesment
हमें फॉलो करें Triple attack of inflation
webdunia

विकास सिंह

, बुधवार, 17 फ़रवरी 2021 (13:00 IST)
पिछले एक साल से कोरोना वायरस के अटैक से लड़ रहे आम आदमी पर अब महंगाई का ट्रिपल अटैक हुआ है। ‘महंगाई डायन’ ने आम आदमी को घेर लिया है। एक ओर जहां पेट्रोल और डीजल के कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचकर इतिहास बना रही है तो रसोई गैस के दाम भी एक पखवाड़े में 75 रुपए बढ़ चुके है। वहीं तीन महीनों में खाद्य तेलों के दाम करीब 50 रुपए प्रति लीटर बढ़ने से लोगों की थाली का स्वाद भी बिगाड़ गया है। 
 
महंगाई की मार किस कदर लोगों पर पड़ी है इसको दो दिन पहले आए वह आंकड़े भी तस्दीक करते है जिसमें थोक महंगाई दर पिछले एक साल में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। फरवरी में थोक महंगाई दर को 2.03 फीसदी होना बताया गया जो कि फरवरी 2020 के बाद सबसे ज्यादा है।   
 
1 साल में 20 रु लीटर महंगा पेट्रोल-डीजल- कोरोनाकाल में मध्यप्रदेश के लोगों पर महंगाई की किस कदर मार पड़ी है। इसका अंदाजा केवल इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश में कोरोना का पहला मामला सामने आने से पहले जो सादा पेट्रोल 77 रुपए प्रति लीटर के आस-पास बिक रहा था वह अब 97 रुपए प्रति लीटर के पार पहुंच गया है। 
webdunia
अगर आंकड़ों का विश्लेषण करें तो पिछले एक साल में मध्यप्रदेश में पेट्रोल 20 रुपए प्रति लीटर महंगा हो चुका है। प्रदेश की राजधानी भोपाल में रोजाना बिक्री में 80 फीसदी खपत वाला सादा पेट्रोल 97 रुपए से अधिक कीमत पर प्रति लीटर बिक रहा है तो प्रीमियम पेट्रोल 100 रुपए के पार पहुंच चुका है। नए साल के पहले दिन एक जनवरी 2021 को राजधानी भोपाल में सादा पेट्रोल 91.58 पैसा प्रति लीटर बिक रहा था जो आज 97.50 रुपए तक पहुंच गया है।   

वहीं दूसरी ओर डीजल की कीमतें भी ऑलटाइम हाई पर पहुंच गई है। राजधानी भोपाल में नए साल के पहले दिन जिस डीजल की कीमत 81.76 पैसे प्रति लीटर थी वह आज 6 रुपए से अधिक बढ़कर 87.88 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गई है। तेल कंपनियों ने डीजल के दामों में कितनी तेजी से बढ़ोत्तरी की है इसको इससे समझा जा सकता है कि पिछले छह महीने में डीजल के दाम 10 रुपए से अधिक बढ़ चुके है। 16 सितंबर 2020 को एक लीटर डीजल की कीमत 78 रुपए के आसपास थी। कोरोना अटैक से पहले 16 मार्च 2020 को भोपाल में एक लीटर डीजल की कीमत 68.27 रुपए प्रति लीटर थी। नए साल में पेट्रोल और डीजल के दाम करीब 6 रुपए प्रति लीटर से अधिक बढ़ चुके है। 

रसोई की ‘आग’ भी महंगी-पेट्रोल-डीजल के दाम में आग लगने के साथ रसोई की ‘आग’ यानि गैस सिलेंडर के दाम में भी आग लग गई है। तेल कंपनियों की ओर से गैस सिलेंडर के दाम में फिर से इजाफा करने के बाद अब भोपाल में रसोई गैस सिलेंडर 775 रुपए प्रति सिलेंडर बिक रहा है। मई 2020 में 588 रुपए की कीमत वाला रसोई गैस सिलेंडर अब तक लगभग 200 रुपए महंगा हो चुका है। पिछले एक पखवाड़े में ही सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर के दामों में तकरीबन 75 रुपए प्रति सिलेंडर की बढ़ोत्तरी हो चुकी है।
webdunia
खाद्य तेलों ने बिगाड़ा रसोई का स्वाद- कोरोनाकाल में भले ही आम आदमी की कमाई आधी कर दी हो लेकिन महंगाई करीब-करीब दोगुनी हो गई है। खुदरा बाजार में खाद्य तेल के दाम पिछले साल की तुलना में करीब डेढ़ गुना बढ़ गए है। खाद्य तेल के दाम बढ़ने की मुख्य वजह कम उत्पादन के साथ डीजल के दाम लगातार बढ़ने के साथ ट्रांसपोर्ट शुल्क का बढ़ना है। 

पिछले साल जो ब्रांडेड सोयाबीन तेल भोपाल में 90-95 रुपए प्रति लीटर बिक रहा था वह आज 130-135 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। वहीं जो ब्रांडेड सरसों का तेल पिछले साल 95 से 105 रुपए प्रति लीटर बिक रहा था वह अब 150-160 रुपए प्रति लीटर की दर से अधिक बिक रहा है। 

खाद्य तेल के कारोबार से जुड़े व्यापारी अनुपम अग्रवाल बताते हैं कि बाहर से आने वाले खाद्य तेल का आयात मंहगा होने के चलते पिछले तीन महीने में सभी प्रकार के खाद्य तेल 50 रुपए प्रति लीटर तक महंगे हो गए है। वह कहते हैं कि आने वाले त्यौहारी सीजन को देखते हुए खाद्य तेल की कीमतें भविष्य में और बढ़ने की संभावना है।

खाद्य तेल के दामों में आसमान छूने का भी बड़ा कारण सरकार की पॉलिसी है। सरकार ने बजट में क्रूड पाम तेल पर आयात शुल्क 15 फीसदी और कृषि विकास सेस 17.50 फीसदी सेस लागू किया है। जिससे पाम आयल पर कुल आयात शुल्क 35.75 पैसा हो गया है। ऐसे में आने वाले समय में दामों में और बढ़ोत्तरी हो सकती है।  
webdunia

टैक्स के सहारे शतक की ओर पेट्रोल-मध्यप्रदेश में सबसे अधिक महंगा पेट्रोल-डीजल बिकने का कारण उस पर लगने वाला टैक्स है। जो पेट्रोल आज बाजार में 97.50 रुपए से अधिक प्रति लीटर बिक रहा है उसमें पेट्रोल की मूल कीमत 34 रुपए के आसपास है जिस पर केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी के तौर पर करीब 33 रूपए और मध्यप्रदेश सरकार वैट और अन्य टैक्स लगाकार 24 रुपए से अधिक वसलूती है। इसके साथ ही पेट्रोल पर प्रति लीटर डीलर कमीशन 3.50 पैसा और ट्रांसपोर्टेशन खर्चा 2.50 रुपए आता है।

पेट्रोल पंप संचालकों ने रेट कम करने की मांग की- पिछले एक साल में पेट्रोल के दाम जिस तरह हर दिन एक नई ऊंचाई पर पहुंचकर रिकॉर्ड बनाते जा रहे है उससे अब आम लोगों के साथ- साथ पेट्रोल पंप संचालकों ने भी सरकार से पेट्रोल के दाम करने में सीधा दखल देने की मांग की है।
webdunia

मध्यप्रदेश पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह कहते हैं कि कोरोनाकाल के समय सरकार ने अपने खर्च पूरा करने के लिए पेट्रोल-डीजल पर अतिरिक्त टैक्स लगाया था उसको अब तत्काल कम कर आम जनता को राहत दें। वह कहते हैं कि मध्यप्रदेश सरकार को बजट में पेट्रोल और डीजल के  दाम कम करने का एलान करना चाहिए।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

फल की पेटी में था तबाही का सामान, सुरक्षाबलों ने नाकाम किए आतंकियों के मंसूबे