नई दिल्ली। सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसदीय समिति के प्रमुख शशि थरूर (Shashi Tharoor) के खिलाफ हमले तेज करते हुए अब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर उन्हें समिति के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की है।
बिरला को लिखे पत्र में नियमों का हवाला देते हुए दुबे ने उनसे आग्रह किया है कि वे थरूर के स्थान पर किसी दूसरे सदस्य को समिति का अध्यक्ष नियुक्त करें।
थरूर को आड़े हाथों लेते हुए दुबे ने आरोप लगाया कि विदेशी लहजे के साथ ‘स्पेंसेरियन’ अंग्रेजी बोलना किसी व्यक्ति को इस बात की छूट नहीं देता कि वह न सिर्फ हमारे महान संवैधानिक संस्थाओं का अपमान कर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति करे बल्कि हमारे संविधान का भी दुरुपयोग करे।’
भाजपा सांसद ने कहा कि जब से थरूर इस समिति के अध्यक्ष बने हैं तब से वे इसके कामकाज को गैरपेशेवर तरीके से चला रहे हैं तथा अफवाह फैलाने का अपने राजनीतिक कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहे हैं और ‘मेरी पार्टी को बदनाम’कर रहे हैं।
दुबे ने अपने पत्र में लिखा कि शशि थरूर का अपने पद पर बने रहना और समिति की कार्यवाही को नियंत्रित करना बहुत बेहद अनुचित होगा। इसलिए मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप डॉक्टर थरूर को (पद से) हटने के लिए मनाएं और उसके बाद किसी दूसरे सदस्य को समिति के अध्यक्ष का काम सौंपे।
गौरतलब है कि फेसबुक से जुड़ा पूरा विवाद अमेरिकी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की ओर से प्रकाशित खबर के बाद आरंभ हुआ। इस खबर में फेसबुक के अनाम सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि फेसबुक के वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक भाजपा विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में हस्तक्षेप किया था।
इसके बाद थरूर और दुबे के बीच ट्विटर पर जबदरदस्त वाक्युद्ध चला। बाद में थरूर ने फेसबुक से जुड़े विवाद को लेकर कहा था कि सूचना प्रौद्योगिकी मामले की स्थायी समिति इस सोशल मीडिया कंपनी से इस विषय पर जवाब मांगेगी। दुबे ने उनके इस बयान पर आपत्ति जताई थी।
इस मामले में थरूर और निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को एक-दूसरे के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी दिया है। (भाषा)