सीबीआई ने लाखों भारतीयों का फेसबुक डाटा चोरी करने के मामले में कैम्ब्रिज एनालिटिका के खिलाफ केस दर्ज किया है। यूनाइटेड किंगडम की इस कंपनी पर लगभग 5.62 लाख भारतीयों का फेसबुक डाटा चोरी करने और चुनावों को प्रभावित करने के लिए इसका उपयोग करने का आरोप है।
क्या है मामला?
कैम्ब्रिज एनालिटिका राजनीति पार्टियों को परामर्श देने वाली कंसल्टिंग कंपनी थी। मार्च, 2018 में इसके पूर्व कर्मचारियों, सहयोगियों और दस्तावेजों को हवाला देते हुए कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों ने खुलासा किया था कि कंपनी ने दुनियाभर के लगभग 8.7 करोड़ फेसबुक यूजर्स का निजी डाटा बिना उनकी अनुमति के इकट्ठा कर लिया था। कंपनी ने ये डाटा ऐसे थर्ड कंपनी ऐप्स के जरिए इकट्ठा किया था जो फेसबुक पर काम करते हैं।
मीडिया रिपोर्ट में कंपनी पर आरोप लगाया गया था कि उसने फेसबुक यूजर्स के इस डाटा का उपयोग 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए किया था। हालांकि कंपनी इन आरोपों से इनकार करती रही। अभी कंपनी बंद हो चुकी है।
मामला सामने आने के बाद फेसबुक ने भारत सरकार को कैम्ब्रिज एनालिटिका के 5.62 लाख भारतीयों का फेसबुक डाटा चुराने की जानकारी दी थी, जिसके बाद केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जुलाई, 2018 में संसद को सूचना दी थी कि मामले में CBI की जांच की जाएगी।
सीबीआई की शुरूआत जांच में कैम्ब्रिज एनालिटिका और GSRL के कई अपराध सामने आए जिसके बाद इन दोनों के खिलाफ आपराधिक साजिश और साइबर क्राइम का मामला दर्ज किया गया है।
फेसबुक के अनुसार, भारत में कुल 335 फेसबुक यूजर्स ने GSRL का ये ऐप इंस्टाल किया था और फिर इसकी मदद से इन 335 लोगों के फ्रेड्स नेटवर्क में शामिल अतिरिक्त 5.62 लाख लोगों का फेसबुक डाटा चोरी किया गया।