नई दिल्ली। सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने मंगलवार को कहा कि मंच का गलत इरादे से उपयोग करने वाले लोगों को रोकने के लिए उसके पास विशेष टीमें हैं। उसने यह भी कहा कि कंपनी ने समन्वित रूप से अप्रामाणिक व्यवहार में शामिल 100 से अधिक नेटवर्क को अपने मंच से हटाया भी है। फेसबुक का यह बयान कंपनी के एक पूर्व कर्मचारी के आरोप के बाद आया है।
कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने अपने मंच पर फर्जी खाता रखने वालों की अनदेखी या कार्रवाई में ढीला रुख अपनाया। इन खातों के जरिए वैश्विक स्तर पर चुनावों और राजनीतिक मामलों को प्रभावित करने का प्रयास किया गया। '
बजफीड न्यूज' ने फेसबुक कर्मचारी द्वारा लिखे गए आंतरिक पत्र के हवाले से इस बारे में रिपोर्ट दी है। पत्र फेसबुक की पूर्व डाटा वैज्ञानिक शोफी झांग ने लिखा है। इसमें कहा गया है कि कई देशों की सरकार तथा राजनीतिक दलों के प्रमुख फर्जी खातों का इस्तेमाल कर जनमत को प्रभावित करते हैं।
फेसबुक के प्रवक्ता ने इस बारे में मंगलवार को कहा कि हमने गलत इरादा रखने वाले लोगों को अपने मंच का दुरुपयोग करने से रोकने के लिए विशेष टीमें बनाई हैं जिसमें प्रमुख विशेषज्ञ शामिल हैं। इसी का परिणाम है कि अप्रामाणिक व्यवहार में शामिल 100 से अधिक नेटवर्क को मंच से हटाया गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि अप्रामाणिक या गलत इरादों वालीं गतिविधियों के साथ मंच का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ काम करना कंपनी की प्राथमिकता है। उसने कहा कि हम कार्रवाई या उसके बारे में सार्वजनिक रूप से कोई दावा करने से पहले हर मामले की सावधानीपूर्वक जांच करते हैं। इसमें झांग द्वारा उठाया गया मसला भी शामिल है।
उल्लेखनीय है कि 'वॉल स्ट्रीट' की रिपोर्ट के बाद से फेसबुक को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। 'वॉल स्ट्रीट जर्नल' की एक रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि सोशल मीडिया कंपनी की विषय को लेकर नीति भारत में सत्तारूढ़ दल का समर्थन करती है। उसके बाद से सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस इस मामले को लेकर एक-दूसरे की आलोचना करते रहे हैं। (भाषा)