कांग्रेस में गुटबाजी का नया 'छत्तीस'गढ़! कांग्रेस विधायक के आरोपों से नाराज टीएस सिंहदेव बोले,सदन में बैठने के योग्य नहीं हूं,विधानसभा छोड़कर बाहर निकले
CM पद के दावेदार टीएस सिंहदेव पर कांग्रेस विधायक ने लगाए गंभीर आरोप
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में कमजोर केंद्रीय नेतृत्व का खामियाजा पार्टी का उठाना पड़ रहा है। उत्तर भारत में मात्र तीन राज्यों पंजाब, राजस्थान और छ्त्तीसगढ़ में जहां कांग्रेस अपने बलबूते सत्ता में है वहां पार्टी के बड़े नेताओं के बीच सीधा टकराव अब दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है।पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सीधा टकराव पूरा देश देख चुका है। वहीं अब छत्तीसगढ़ में सत्तारुढ़ पार्टी कांग्रेस के दो बड़े नेताओं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच टकराव वाले हालात बनते दिख रहे है।
छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री वाले फॉर्मूले को लेकर गर्माई सियासत के बीच कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह का स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर अपनी हत्या करवाने का सनसनीखेज आरोप लगाने से सूबे की सियासत में उबाल आ गया है। दरअसल कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह के काफिले पर अंबिकापुर में कथित हमला हुआ था और उन्होंने इसका सीधा आरोप स्वास्थ्य मंत्री पर लगाते हुए कहा कि टीएस सिंहदेव मेरी हत्या करवाकर राज्य के मुख्यमंत्री बनना चाहते है।
कांग्रेस विधायक ने दावा किया कि उनके जैसे कई और विधायकों की हत्या हो सकती है। कांग्रेस विधायक का आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कामकाज की तारीफ की थी इसलिए उन पर सिंहदेव ने हमला कराया। कांग्रेस विधायक ने मुख्यमंत्री से टीएस सिंहदेव को मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग की है। वहीं कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह के मंत्री टीएस सिंहदेव पर आरोप लगाने के साथ पार्टी के 20 विधायकों ने उनके आवास पर पहुंचकर उनका समर्थन किया।
खुलकर सामने आई टीएस सिंहदेव की नाराजगी- वहीं अपनी ही पार्टी के विधायक के आरोप के बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की नाराजगी अब खुलकर सामने आ गई है। मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने पहुंचे टीएस सिंहदेव सदन छोड़कर बाहर निकल गए। टीएस सिंहदेव ने कहा कि ''अब बहुत हो गया है आखिर मैं भी इंसान हूं"। मैं इस सदन में बैठने के योग्य अपने आप को नहीं समझता हूं। मेरे बारे में और मेरे मात-पिता के बारे में सब जानते है।"
सोनिया गांधी तक पहुंचा मामला-छत्तीसगढ़ कांग्रेस में गुटबाजी का यह मामला पार्टी हाईकमान तक भी पहुंच गया है। विधायक बृहस्पत सिंह के मंत्री टीएस सिंहदेव पर आरोप लगाने के बाद सिंहदेव के प्रभाव वाले इलाके अंबिकापुर, सूरजपुर और बलरामपुर समेत कई जिलों के पार्टी नेताओं ने निंदा प्रस्ताव पास कर सोनिया गांधी को पत्र लिखकर बृहस्पत सिंह पार्टी स बर्खास्त करने की मांग की है।
डैमेज कंट्रोल में जुटे प्रदेश प्रभारी-वहीं दूसरी ओर कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह और टीएस सिंहदेव के बीच विवाद के बाद प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया डैमेज कंट्रोल में जुट गए है। सोमवार को पुनिया अपनी दिल्ली की प्लाइट कैंसिल कर विधानसभा पहुंचे और टीएस सिंहदेव और बृहस्पत सिंह से अलग-अलग बात कर पूरे मामले की पटाक्षेप करने की कोशिश भी की।
वहीं छत्तीसगढ़ की राजनीति के जानकार इस पूरे मामले को छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बढ़ती गुटबाजी से जोड़कर देख रहे है। स्थानीय पत्रकार याज्ञवल्क्य पूरी घटना पर ही सवाल उठाते हुए कहते हैं कि पूरा मामला स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की छवि को धूमिल करने की कोशिश से ज्यादा नहीं लगता है। वह कहते हैं कि टीएस सिंहदेव की छवि को धूमिल करने के लिए तैयार की कहानी की स्किप्ट बहुत लचर थी लेकिन एक्टिंग बहुत ही शानदार थी।
वह कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह के काफिले पर हमले की घटना पर सवालिया निशान उठाते हुए कहते हैं कि घटना हुई भी थी या नहीं इसकी भी जांच भी जरुरी है क्योंकि जिस स्थान और समय पर घटना बताई जा रही है संयोग से उस वक्त वह खुद वहां मौजूद थे। ऐसी कोई घटना घटी ही नहीं।