नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर कनाडाई पुलिस अधिकारी बताकर विदेशी नागरिकों को ठगने में कथित तौर पर शामिल 32 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पश्चिमी दिल्ली के मोती नगर से ठगी के इस रैकेट को चलाया जा रहा था। पुलिस ने मौके से 55 कम्प्यूटर, 35 मोबाइल फोन और अन्य उपकरण के साथ अवैध सॉफ्टवेयर प्रोग्राम बरामद किया है।
पुलिस के अनुसार पुलिस को धोखेबाजों के इस समूह के बारे में 15 नवंबर को सूचना मिली थी, जो फोन पर खुद को कनाडाई पुलिस अधिकारी बताकर विदेशी नागरिकों को सामाजिक बीमा नंबर (एसआईएन) के उल्लंघन से उन्हें बचाने के बहाने ठग रहा था।
एसआईएन 9 अंकों की संख्या है जिसकी जरूरत कनाडा में काम करने या सरकारी कार्यक्रमों और लाभों का फायदा उठाने के लिए होती है। पुलिस ने बताया कि एक कनाडाई नागरिक एलविस हेनरी ने इन धोखेबाजों के खिलाफ इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) समीर शर्मा ने बताया कि दिल्ली पुलिस और दूरसंचार विभाग के अधिकारियों की एक टीम ने कॉल सेंटर पर छापा मारा, जहां जसजोत सिंह, सरबजोत सिंह और सागर जैन उन लोगों की गतिविधियों की निगरानी करते हुए पाए गए, जो अंतरराष्ट्रीय कॉल करने और प्राप्त करने में लगे हुए थे।
उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान उन्होंने खुलासा किया कि वे खुद को कनाडाई पुलिस अधिकारी बताते थे और 'वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल' (वीओआईपी) कॉल के जरिए कनाडाई नागरिकों को निशाना बनाते थे।
पुलिस ने बताया कि कॉल सेंटर के मालिकों समेत अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने के लिए छापेमारी की जा रही है। अन्य आरोपियों की पहचान राजा, सुशील, नवीन, बन्नी अरोड़ा व पंकज के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि दूरसंचार विभाग के अधिकारी भी मामले की जांच कर रहे हैं।