नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पास किए गए 3 कृषि विधेयकों को आज राज्यसभा में पेश किया जा रहा है। सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि उसके पास उच्च सदन में बहुमत नहीं है और उसे बिल पास कराने में अन्य दलों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल बिल का विरोध कर रहे हैं। सत्तापक्ष को भी उसके सबसे पुराने सहयोगी शिरोमणी अकाली दल के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार के सामने सदन में इस बिल को पास कराना आसान नहीं होगा।
245 सदस्यों वाली राज्यसभा में इस समय 2 सीटें खाली हैं। ऐसे में इन बिलों को पास करवाने के लिए सरकार को सदन में कम से कम 122 वोट की जरूरत पड़ेगी। फिलहाल भाजपा 86 सांसदों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। अन्नाद्रमुक के पास 9 सांसद है और वह इस बिल पर सरकार के साथ है।
सरकार को भरोसा है कि बीजू जनता दल के 9, टीआरएस के 7 और वाईएसआर कांग्रेस के 6, टीडीपी के 1 तथा कुछ निर्दलीय सांसद भी इस विधेयक का समर्थन कर सकते हैं।
कांग्रेस के पास 40 राज्यसभा सांसद है। शिरोमणि अकाली दल के 3 सदस्य भी इस बिल के विरोध में वोट करेंगे। वहीं आम आदमी पार्टी के 3 सदस्य, समाजवादी पार्टी के 8 सांसद, बीएसपी के 4 सांसद भी बिल के विरोध में वोट करेंगे। कई दलों ने मामले पर अपना स्टैंड अभी साफ नहीं किया है।
कोरोनावायरस के कहर की वजह से 15 सांसद संसद की कार्यवाही में भाग नहीं ले रहे हैं। इनमें से लगभग 10 तो कोरोना संक्रमित है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा विपक्ष को कैसे मात देकर इस बिल को सदन में पास करा पाती है।