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Delhi Chalo march : किसान नेताओं के साथ सरकार की बैठक बेनतीजा, दिल्ली में धारा 144, चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , मंगलवार, 13 फ़रवरी 2024 (00:36 IST)
Farmers Protest : फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने की मांग को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए किसान नेताओं को ‘दिल्ली चलो’ मार्च से रोकने के वास्ते केंद्रीय मंत्रियों की एक टीम ने सोमवार को उनके साथ बातचीत की। लेकिन बैठक बेनतीजा रही। इधर दिल्ली में धारा 144 लगा दी गई है। 
 
मार्च में शामिल होने के लिए पंजाब के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉली सुबह से निकल चुकी हैं। कई किसान संघों, जिनमें ज्यादातर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब से हैं, ने अपनी उपज के लिए एमएसपी की गारंटी देने वाले कानून की मांग के लिए 13 फरवरी को मार्च का आह्वान किया है।
बैठक में नहीं निकला हल : केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच बैठक पर किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि काफी देर तक बैठक चली, हर मांग पर चर्चा हुई लेकिन ये मांगें नहीं थीं, यह अलग-अलग समय पर सरकार द्वारा की गई प्रतिबद्धताएं थीं। बैठक करीब 5 घंटे चली। 
 
धारा 144 लागू : दिल्ली पुलिस ने किसानों के मार्च के कारण व्यापक पैमाने पर तनाव और ‘‘सामाजिक अशांति’’ पैदा होने की आशंका के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में एक महीने के लिए आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी है।
 
राष्ट्रीय राजधानी में 13 फरवरी को किसानों के प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बार्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है तथा यातायात पाबंदियां लागू की गयी हैं।
 
लगाए गए कंटीले तार : वाहनों को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं की कंक्रीट के अवरोधक और सड़क पर बिछाए जाने वाले लोहे के नुकीले अवरोधक लगाकर किलेबंदी कर दी गयी है।
 
इन उपायों से सोमवार को सुबह दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में यातायात की आवाजाही पर असर पड़ा जिससे यात्रियों को असुविधा हुई।
 
200 से ज्यादा संगठन : संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने घोषणा की है कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के वास्ते कानून बनाने सहित कई मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए 200 से अधिक किसान संगठन 13 फरवरी को दिल्ली तक मार्च करेंगे।
 
किसान 2021 में आंदोलन वापस लेने के लिए जिन शर्तों पर राजी हुए थे उनमें से एक एमएसपी की गारंटी को लेकर कानून बनाना भी था। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा सहित केंद्रीय मंत्री यहां सेक्टर 26 में महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में किसान नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। बैठक देर रात तक जारी रही। 
 
8 फरवरी को भी हुई थी बैठक : संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर सहित अन्य लोग यहां जारी बैठक में शामिल हैं। केंद्रीय मंत्रियों और किसान संगठनों के नेताओं के बीच आठ फरवरी को पहली बैठक में विस्तृत चर्चा हुई थी।
 
हरियाणा के प्राधिकारियों ने 13 फरवरी को किसानों के प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो’ मार्च को रोकने के लिए अंबाला, जींद, फतेहाबाद और कुरूक्षेत्र में कई स्थानों पर पंजाब के साथ लगती राज्य की सीमा की कंक्रीट के अवरोधक और लोहे की कील और कंटीले तार लगाकर किलेबंदी कर दी है।
 
हरियाणा सरकार ने भी आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत 15 जिलों में प्रतिबंध लगा दिए हैं। इन जिलों में पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है और किसी भी प्रकार के प्रदर्शन करने या ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ मार्च निकालने पर प्रतिबंध है।
 
किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने सोमवार को कहा कि ट्रैक्टर-ट्रॉली का एक काफिला सुबह अमृतसर के ब्यास से निकला, जो फतेहगढ़ साहिब जिले में एकत्र होगा। मोगा, बठिंडा और जालंधर जिलों के कई किसान भी मार्च में शामिल होने के लिए अपने गांवों से निकल पड़े हैं।
 
एसकेएम (गैर-राजनीतिक) नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि ट्रैक्टर-ट्रॉली सोमवार शाम को फतेहगढ़ साहिब जिले और संगरूर के मेहलन चौक पर इकट्ठा होंगी। किसानों ने अंबाला-शंभू बॉर्डर, खनौरी-जींद और डबवाली बॉर्डर से दिल्ली जाने की योजना बनाई है।
 
डल्लेवाल ने पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर भारी सुरक्षा व्यवस्था करने और ‘दिल्ली चलो’ मार्च में शामिल होने के इच्छुक किसानों को कथित तौर पर ‘परेशान’ करने के लिए हरियाणा सरकार की आलोचना की।
 
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ बातचीत कर रही है और इसके बावजूद पंजाब-हरियाणा सीमा पर भारी अवरोधक लगाए गए हैं।
 
प्रस्तावित मार्च के मद्देनजर हरियाणा पुलिस को अलर्ट पर रखते हुए राज्य प्राधिकारियों ने सड़कों पर कंक्रीट के अवरोधक एवं कंटीले तार लगाए गए हैं और दंगा-रोधी वाहन तैनात किए हैं।
 
पुलिस ने जींद, फतेहाबाद, कुरूक्षेत्र और सिरसा जिलों में पंजाब के साथ लगती हरियाणा की सीमा पर भी व्यापक इंतजाम किए हैं।
 
अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में इंटरनेट सेवाएं और बड़ी संख्या में एसएमएस करने की सुविधा 13 फरवरी तक निलंबित कर दी गई है।
 
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने सोमवार को कहा कि ‘दिल्ली चलो’ मार्च का समर्थन करने के लिए कर्नाटक और मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों से आ रहे कई किसानों को हिरासत में ले लिया गया है जिन्हें रिहा किया जाना चाहिए।
 
डल्लेवाल ने दावा किया कि एसकेएम के प्रति समर्थन जताते हुए मध्य प्रदेश तथा कर्नाटक से आ रहे कई किसानों को भोपाल में हिरासत में लिया गया है।
 
एसकेएम नेता डल्लेवाल ने कहा कि ‘एक तरफ, वे (केंद्र) हमारे साथ बातचीत कर रहे हैं और दूसरी तरफ, वे हमारे लोगों को हिरासत में ले रहे हैं। फिर यह वार्ता कैसे होगी?’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘हमने सरकार से कहा है कि वह हमारे लोगों को रिहा करे। सरकार को वार्ता के लिए सकारात्मक माहौल बनाने की जरूरत है।’’
 
सीमाओं को पार करने पर प्रतिबंध : दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा की ओर से सोमवार को जारी आदेश में किसी भी प्रकार की रैली या जुलूस निकालने तथा सड़कों एवं मार्गों को अवरुद्ध करने पर रोक लगा दी है। दिल्ली पुलिस के आदेश के तहत ट्रैक्टर रैलियों के राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं को पार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
 
2020 में हुआ था आंदोलन : ट्रैक्टर और अन्य वाहनों पर सवार होकर किसान अगस्त 2020 से दिसंबर 2021 तक इन तीन - सिंघू, गाजीपुर और टिकरी सीमाओं पर बैठे रहे थे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए हरियाणा की सीमा से लगती ग्रामीण सड़कों को भी सील कर दिया है। दिल्ली-रोहतक और दिल्ली-बहादुरगढ़ मार्गों पर अर्द्धसैनिक बलों की भारी तैनाती की गई है।
 
ट्रैफिक एडवाइजरी : दिल्ली में जारी एक परामर्श के अनुसार, सोमवार से सिंघू सीमा पर वाणिज्यिक वाहनों के लिए यातायात पाबंदियां लागू की गयी हैं। मंगलवार से सभी प्रकार के वाहनों पर पाबंदियां लागू होंगी।
 
विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने 5,000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया है जबकि सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए क्रेन और अन्य भारी वाहनों को तैनात किया है।
 
अधिकारियों ने बताया कि किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए कई सुरक्षा अवरोधक लगाए गए हैं। सड़कों पर कंटीले अवरोधक बिछाए गए हैं ताकि अगर प्रदर्शनकारी किसान वाहनों पर सवार होकर शहर में प्रवेश करने की कोशिश करें तो उनके वाहनों के टायर पंक्चर हो जाएं।
 
याचिका भी दायर : किसान संगठनों के दिल्ली मार्च के मद्देनजर सीमाएं सील करने और मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाने के हरियाणा सरकार के फैसले के खिलाफ सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है।
 
याचिकाकर्ता उदय प्रताप सिंह ने अदालत से किसानों के विरोध प्रदर्शन के खिलाफ हरियाणा और पंजाब की सरकारों और केंद्र की सभी कार्रवाइयों पर रोक लगाने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है।
 
याचिका में आरोप लगाया गया है कि इन कदमों से मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है और ये “असंवैधानिक” हैं। इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई होने की उम्मीद है।

संपत्ति के क्षति वसूली के लिए सख्त कानून : हरियाणा सरकार के गृह विभाग ने नागरिक प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को सार्वजनिक या निजी संपत्ति को होने वाले नुकसान के मामले में संपत्ति क्षति वसूली कानून 2021 में निर्धारित किए गए नियमों का पालन करने का निर्देश दिया। यह निर्देश 13 फरवरी को किसानों के प्रस्तावित दिल्ली मार्च से पहले आया है। इनपुट भाषा

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