Farmers Protest : दिल्ली चलो आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसानों द्वारा एमएसपी पर दालों, मक्का और कपास की खरीद के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि अब जो भी होगा उसके लिए वह जिम्मेदार होगी। प्रदर्शनकारी किसानों ने घोषणा की है कि वे बुधवार, 21 फरवरी को दिल्ली तक अपना मार्च जारी रखेंगे।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि पंजाब के 7 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। पंजाब सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या उन्होंने भी अनुमति दी थी, क्या वे भी चाहते हैं? क्या आपका ऑपरेशन हरियाणा के साथ मिलकर चल रहा है?
उन्होंने कहा कि पंजाब में इंटरनेट बंद नहीं किया जाना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि केंद्र के पास राज्य सरकार से पूछे बिना इंटरनेट बंद करने का कोई अधिकार है।
पंढेर ने कहा कि हम सरकार से अपील करते हैं कि या तो हमारे मुद्दों का समाधान किया जाए या अवरोधक हटाकर हमें शांतिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली जाने की अनुमति दी जाए।
किसानों के साथ वार्ता के बाद, 3 केंद्रीय मंत्रियों की एक समिति ने दाल, मक्का और कपास सरकारी एजेंसियों द्वारा MSP पर खरीदने के लिए 5 वर्षीय समझौते का प्रस्ताव दिया था।
प्रस्ताव में कुछ नहीं मिला : डल्लेवाल ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने की वजह बताते हुए संवाददाताओं से कहा कि हमें प्रस्ताव में कुछ भी नहीं मिला। उन्होंने कहा कि चौथे दौर की बातचीत में केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि अगर सरकार दालों की खरीद पर गारंटी देती है तो इससे सरकारी खजाने पर 1.50 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
डल्लेवाल ने एक कृषि विशेषज्ञ की गणना का हवाला देते हुए कहा कि अगर सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाए तो 1.75 लाख करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार 1.75 लाख करोड़ रुपए का ताड़ का तेल (पाम ऑयल) खरीदती है और यह तेल लोगों में बीमारी का कारण बनता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद इसका आयात किया जा रहा और अगर ये 1.75 लाख करोड़ रुपए MSP के लिए कानूनी गारंटी सुनिश्चित करके अन्य फसलों को उगाने पर खर्च किए जाते हैं तो इससे सरकार पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि एमएसपी पर पांच फसलें खरीदने का केंद्र का प्रस्ताव केवल उन लोगों के लिए होगा जो फसल विविधीकरण अपनाते हैं यानी एमएसपी केवल उन्हीं को दिया जाएगा जो धान के बजाय दलहन की खेती करेंगे और धान की जगह मूंग की फसल उगाने वालों को यह नहीं दिया जाएगा।
23 फरवरी को दिल्ली मार्च करेंगे नोएडा के किसान : नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रदर्शन कर रहे किसान समूहों ने सोमवार को कहा कि वे विकसित भूखंड और अतीत में अधिग्रहीत उनकी जमीन के लिए अधिक मुआवजे सहित अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए 23 फरवरी को दिल्ली मार्च करेंगे।
महिलाओं सहित हजारों ग्रामीणों ने 8 फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी के साथ लगती नोएडा की सीमाओं पर कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली जाने का असफल प्रयास किया था, जिससे शहर में यातायात अवरूद्ध हो गया था।
प्रदर्शनकारियों ने उस दिन मार्च वापस ले लिया था और वे पुलिस द्वारा स्थानीय अधिकारियों और उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक का आश्वासन दिए जाने के बाद शांत हो गए थे।